कुछ तो है इन फिजाओं में नशा यारा,
यहां हर कोई खाली पांव घाट जाता है।-
अब बताओ, मैं इंसान अच्छा हूं या लिखत... read more
मुझे कहा गया है खामोश रहा करो तुम!
मैंने मुंह बंद कर लिया और सब कुछ लिख दिया।-
कल घर की दीवारों पर अपने बचपन की बदमाशियां देखी
एक राज़ बताऊं, घर की दीवारों में कान ही नहीं अहसास भी होते हैं-
मैंने ख़िलाफत में केवल खुद को ख़िलाफ़ रखा है।
मैंने अपनों को, उनके अपनों के ही साथ रखा है।।-
जीवन के सत्य
सूक्ष्मावलोकन
में ही समाहित हैं
संक्षिप्तावलोकन
में नहीं
❤️❤️-
जानू, बेबी कहते हो जिसको, चली जाती है किसी और से फंसके
ये कंप्यूटर युग की छोरियां हैं 'राज़', धोखा खाओगे तुम कसके-
कितनी अजीब बात है न
रिश्तों की अहमियत वो समझते हैं
जिनको भगवान रिश्ते नहीं देता-
कोई एक डाल चुनकर बैठ जा ऐ दुनिया
हर डाल पर नाचने वालों का घोंसला नहीं होता-
मेरी बात आज भी एक तेरे सिवा सबको पसंद आती है
पता है! तेरी यही अदा मुझे तेरे इतना पास ले आती है-