Govind Pandey   (गोविन्द पांडे)
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Joined 14 April 2020


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27 JUN AT 16:58


रात भर एक याद बनकर तुम मुझे ख्वाब दिखाती रही,
में चांद को निहारता रहा और उजाला हो गया।
भोर का सूरज आसमान में चढ़ता रहा धीरे धीरे,
बीबी मुझको बार-बार जगाती रही और में सो गया।

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27 JUN AT 16:41



खाली हो जाओ थोड़ा सा तो हम भी कुछ प्यार भरी बात कर लें ,
चिपके रहते हो मोबाइल से कैसे तुमसे व्यक्त दिल के जज्बात कर लें।

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26 JUN AT 9:32



दिल का तोहफा दे नही सकती हर किसी को,
जो मन को भायेगा ये तोहफा मिलेगा उसीको।
ये मंदिर का प्रसाद नही जो बाट दू राहगीरों को ।
ये उसे मिलेगा जो लगाने तैयार हो मंडप में सात फेरों को।

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26 JUN AT 9:17


विनम्रता बहुत जरूरी है ,
वर्ना रिस्तों में आ जाती दूरी है।

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26 JUN AT 9:05

कहते है लोग में तेरा दिवाना हूँ,
तेरे चारों ओर मडराता परवाना हूँ।
तेरा कोई चेहरा जाना पहचाना हूँ,
या फिर कोई अजनबी अंजाना हूँ।

हां मेने माना में तेरी चाहत का दिवाना हूँ,
इश्क हूँ तेरा नही झूठा कोई बहाना हूँ।

गुनगुनाती थी जो गीत वही गीत पुराना हूँ,
दिल की गहराई से निकला एक तराना हूँ।

भुला दिया जिसे तुमने वो प्रीत बेगाना हूँ,
में कल भी आपका दिवाना था आज भी दिवाना हूँ।

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26 JUN AT 8:41



साफ साफ बता देना कि तुम्हारा कोई बोय फ्रेंड नही है,
कोई नीला पीला ड्रम या गडडा खोद कर पहले रखा नही है।
शादी करने के लिए कोई प्लान पहले से बना रखा नही है,
तुम्हे सिर्फ पैसों से मोहब्बत है वफा से कोई नाता रखा नही है।

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14 APR AT 8:05

"""""वक्त बदल रहा है"""

झूठ के होते नही पांव फिर भी देखो कैसे चल रहा है,
सत्य करता कांव-कांव खुद साबित होने को मचल रहा है।
उठ चुका खुद पर से लोगों का भरोसा वक्त बदल रहा है,
चल रही है दुनियां आदमी गिरकर भी नही सभल रहा है।

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14 APR AT 7:48

कम नही होती थोड़ी सी कोशिश भी,
वो तो होता एक नया आगाज है।
जिसने कर ली इस पर चलने की ,
वही करता जग पर फिर राज है।

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2 APR AT 8:25


ये जग ऐसा हो गया यहा अब,
झूठा भी सच्चा हो जाता है।
चंद दिनों में लोग भूल जाते है,
बुरा भी तब अच्छा हो जाता है ।

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29 DEC 2024 AT 22:36

ऊफ ये दिसम्बर का महीना भी क्या कमाल है,
कभी बड़ा दिन कभी क्रिसमस कभी आये नया साल है।
इसी महीने सर्दी भी धीरे धीरे-धीरे फैलाती अपना जाल है,
होता विदा पुराना साल तभी आता नया साल है।
स्वागत में नये साल के होता खूब धमाल है,
नई उमंग नये उत्साह से होते सब मालामाल है।
मुर्गों की आती सामत बकरे होते हलाल है,
खुलती बोतलें मदिरा की बदली सबकी चाल है।
कुदरत का करिश्मा ये देखो कैसा कमाल है,
दिन बदले महीने बदले और बदल गया साल है।
हैप्पी न्यू ईयर हैप्पी न्यू की बज रही करताल है,
हमारी तरफ से आपको मुबारक नया ये नया साल है।

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