"मेरा भारत मेरी जान "
चंदन है भारत की माटी
परमेश्वर का धाम है ,
जहाँ सबेरा शंख बजाता
लोरी गाती हर शाम है ।
उत्तर में रखवाली करता
हिमालय जिसका नाम है ,
कई भाषाओं से रंगी ये धरती
महापुरषो का गांव है ।
नदियों में जननी है सबकी
गंगा माँ को प्रणाम है ,
आदर्शों का पाठ पढ़ाती
गीता , बाइबल , कुरान है ।
जात पात धर्म अनेक यहाँ पर
भारत माँ सबकी पर एक है ,
त्योहारों का अमर देश यह
अनेकता में एकता का संदेश है ।
तीन रंगों से रंगा तिरंगा
हम सब की पहचान है ,
हर हिंदुस्तानी के दिल की धड़कन
मातृभूमि की यह शान है ।
नमन है भारत माँ तुम को
हर कण में जयगान हैं ,
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