वो मर कर भी मरा ना हो जैसे
वो शक़्स मेरे अंदर ही रहता हो जैसे
ये जो रात है अब दिन की आस नही करती
मेरी आँखें भी अब उसकी तलाश नही करती
मिल लेता हूं उनसे मैं मेरे अंदर ही
आज भी मेरी खुशियों की उम्मीद हो वो जैसे...।-
Writer by heart, write to feel..
गरजते तूफानों को दबाकर रखा है मैंने अपने अंदर
इस मुस्कुराते चेहरे के आग से बेटा अभी तुम परिचित नही हो ..!!-
जा अब नही देता सफाई अपने किरदार का मैं
जा अब सबसे बता दे, कि कितना बुरा हूँ मैं ..!!-
अब नही आते कृष्ण
द्रौपदी की चीर बचाने को
रेतने के लिए गला गीदड़ों का
अब उसे ख़ुद ही तलवार उठाना पड़ेगा..!!-
ये जो हाथों में सिगरेट जलाए बैठे है लड़के
कभी दोस्तों की गालियों में भी खिल-खिलाकर हँसा करते थे ..!-
मैं रंज हूँ , प्रहार हूँ
मैं ख़ुद कहर हज़ार हूँ !!
मैं अंश हूं, मैं नाश हूँ
मैं ही शम्भू नाथ हूँ ..!!
मैं सत्य भी, सर्वत्र भी
मैं ही अनंत काल हूँ
गौर से तुम देख लो
मैं ही भोलेनाथ हूँ ..!!-
शब्दों के ही सिर्फ़ आवाज नही होते शायर
ख़ामोशियों की भी अपनी एक जुबां होती है ..!!-
मौन हो गया हूं मैं
ख़ुद ही ख़ुद में खो गया हूं जैसे
लिखने बैठु तो शब्द नही
सोचने बैठु तो पन्ने भींग जाते है जैसे
कैसे और किससे बयां करू
ये दर्द-ए-दिल की व्यथा
कैसे बताऊ मेरी तकलीफें क्या
ख़ुद से ही अब रूठ गया हूं जैसे ..!!-
ऐ ख़ुदा उसके दिल से मेरी सारी यादें मिटा दे
कुछ ऐसा कर की उसकी सारी तड़पन मिटा दे
है मंज़ूर मुझे सज़ाए मौत भी तू गर देना चाहे
ऐ ख़ुदा उसके चेहरे की वो मुस्कुराहट वापस लौटा दे ..!!-