रंग नहीं था उसके पास,
अपने होठों का रंग मेरे गालों पर लगा गई..-
20-02-2020
खुद में उलझी हूं कुछ इस तरह
ये जिंदगी अब जंग लगने लगी है,
कहां से ढूंढ लाऊँ मैं खुशियों के रंग
अब तो ये दुनिया ही बेरंग लगने लगी है..-
फिर एक नई सुबह_धुंधली सी
दामन में अपने_सूरज छुपाये बैठी है,
है_नम_जैसे उसकी आंख भर आई हो
अश्कों में अपने_कुछ बात छुपाये बैठी है..-
बहती हवा सी है जिंदगी
न कोई ठौर न ही ठिकाना है,
जिस राह मंजिल मिले
बस वहीं ठहर जाना है,
ठहरा हूं मैं भी
गाँव की पगडंडियों में,
शहर जाकर फिर से
दौड़ में शामिल हो जाना है..-
मुश्किल में है वक़्त जहां
मुश्किल ये हालात हैं,
हर कोई आकर बस ये पूछे
बता भी दो क्या बात है,
हंस कर बस मैं कह दिया
अब न कोई साथ है,
संघर्ष का है दिन यहां
परिश्रम करती रात है..
-
अफवाह हुई कुछ इस कदर
कि हम इश्क में बीमार हो गए,
कैसे समझायें कमबख्तों को
मौसम है बारिश का
और हम सर्दी के शिकार हो गए..-
हर कहानी मुझे_अपनी सी लगती है,
बिन उसके जिंदगी_खाली सी लगती है,
है दिल में खुशियों का_कारवाँ मगर
अब तो हर खुशी_खामोशी लगती है...-
निशाँ रखना ही है तो मेरी यादों का रखना
नहीं तो तुम्हारे अश्कों में_मेरे ही निशाँ नजर आयेंगे...-
तुम इजहार-ए-मुलाकात की बात करते हो,
हम आँखों से इजहार कर लेते हैं,
तुम बारिश में इन्तजार की बात करते हो,
हम बारिश की बूँदों में उनका दीदार कर लेते हैं..-
ख़यालों में सजाया है तुम्हें
ख्वाबों में ना_आया करो,
आँखों में बसाया है तुम्हें
नजरे यूँ ना_चुराया करो..-