Gohil Parakramsinh  
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Joined 23 March 2021


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Joined 23 March 2021
23 NOV 2022 AT 11:58

महकती है,
अनकहे अल्फ़ाज़ की मीठी खुशबू।

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18 NOV 2022 AT 18:56

मन रूपी पौधे का पानी और खाध है।

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16 NOV 2022 AT 14:05

सिर्फ तुझे चाहने के लिए,
ना कोई बात,नाही मुलाकात।

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12 NOV 2022 AT 10:22

धारा की तरह बहते रहना ही जीने का तरीका है।

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6 NOV 2022 AT 10:52

दिल में जिजक होनी चाहिए।
ख्वाब की तलब होनी चाहिए,
किरदार की खनक होनी चाहिए।

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5 NOV 2022 AT 13:49

यू हुनर से मु मत मोड़ो।
कुछ ही लोगों को खुदा मासूमियत बक्षता है,
तू अपनी मासूमियत से नाता मत तोड़ो।

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5 NOV 2022 AT 9:00

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3 NOV 2022 AT 13:00

इसी लम्हे में जीना चाहिए,
बीत गई सो बात गई,
आने वाली रात नई।

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1 NOV 2022 AT 20:46

हर वो चीज से जो मुझे अपने आप से भटकाती है।

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30 OCT 2022 AT 10:41

જેની ગોદ માં જઈ હું બની જાવ છું સંપૂર્ણ ફકીર
મને ખુબ વહાલી છે મારી સાસણ ગાંડી ગીર...

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