गमज़दा हयात   (हयात)
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🚩हर हर महादेव 🚩
💫Day dreamer💫
😌Self obsessed😌
Joined 12 November 2021


🚩हर हर महादेव 🚩
💫Day dreamer💫
😌Self obsessed😌
Joined 12 November 2021

खुला आकाश सिर्फ स्वतंत्रता देता है,
धूप, बरसात और आंधी-तूफान से हिफाज़त सिर पर छत होने से मिलती है....

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दर्द जब हद से गुज़र जाए तो क्या करें,
ये दिल अगर टूट कर बिखर जाये तो क्या करें...

वो जो छोड़ कर हमको यूं तन्हा गया है,
हर घड़ी याद उसकी आए तो क्या करें....

लोग कहते हैं किसी के जाने से ज़िन्दगी नहीं रुकती, जब जीने की ख्वाहिश ही मर जाए तो क्या करें...

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हम जो पत्थर हो चुके हैं...
हम अपने हिस्से का रो चुके हैं....

वो जो राहों में हम को छोड़ के तन्हा गया है,
हम अपनी उम्र उस पे खो चुके हैं....

कभी जगते थे मेरे दिल में कुछ अरमान यूँ ही
अब मेरे दिल में दफ़्न हो के वो भी सो चुके हैं...

कभी दरिया सी थीं आँखे मेरी अश्कों से भरी,
अब मेरे ख्वाब सहरा हो चुके हैं....

वो जो हमको साहिलों में देखते हैं,
वो नहीं जानते हम खुद को अब डुबो चुके हैं....

वो जो मेरी शख्सियत पे रक़्स करते हैं,
वो नहीं जानते हम वजूद अपना खो चुके हैं....

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आ जाओ तुम, के मेरी ये "हयात" रुकी है,
बादल घिरें हैं चारों ओर ग़म के मेरे; आ जाओ तुम, के खुशियों की बरसात रुकी है।

बेचैन है दिल, तुमसे एक राज़ कहने को,
आ जाओ तुम, के लबों पे एक बात रुकी है।

बेताब हूँ मैं तुमसे मुलाकात करने को,
आ जाओ तुम, के मेरी कायनात रुकी है।

तुम हो नहीं तो रुक गयें हैं, मेहर-ओ- माह भी.. तुम बिन ठहर गया है दिन, ये रात रुकी है ।।

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मेरी ख़ामोशी का राज़ तुम हो,मेरी ख़ामोशी में छुपी आवाज़ तुम हो।
मेरी हक़ीकत भी तुम, मेरा हर ख्वाब तुम हो।
मेरी अदा भी तुम, मेरा अंदाज़ तुम हो।

मेरे दिल में छुपा खूबसूरत सा राज़ तुम हो।

मेरे जीने की वजह हो तुम, मेरी हर ख़ुशी का आगाज़ तुम हो।
तुम ही आरजू हो मेरे दिल की, मेरी आंखों की तलाश तुम हो।
क्यों दूर हो मुझसे तुम, जब मेरे दिल के इतने पास तुम हो।
मेरा हर लम्हा तुमसे है, मेरे ज़िंदा होने का अहसास तुम हो।।

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के... गुलज़ार दिल का शजर हो गया है...

एक दिल था मेरे पास जो मेरा था कभी,
वो दिल भी तेरे इश्क़ के नज़र हो गया...

के...जब से खबर तेरे आने की हुई है,
दिल दुनिया से मेरा बेखबर हो गया है...

के...मुश्किल से कितना संभाला था दिल को,
बड़ी उलझनों से निकाला था दिल को;
के...महफ़िल में तेरा ज़िकर हो गया है...
मोहब्बत का मुझ को असर हो गया है.....

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कई दावे__कई वादे,वो कर के मुकर गया...
बेचारा दिल ये मेरा,मोहब्बत से डर गया ...

जब से वो ज़ालिम, छोड़ कर मेरा शहर गया...
मासूम दिल में मेरे ग़म-ए- हिज्र भर गया...

दुश्मन भी तरस खाते थे, मेरे हाल पर "हयात"...
वो शख्स मुझे कर के तन्हा किधर गया....

इक रोज़ जब वो लौट के आया था शहर में...
उस रोज़ उसके कानों में मेरा ज़िकर गया...

लोगों ने कहा उससे कि मर जायेगा वो यार,
उसने भी अपनी अना में आकर के यूँ कहा...

" क्या गर्ज़ उसके जीने-मरने से मुझे है,
मरता है, मरने दो, मरता था , मर गया।।"

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राज़-ए-उल्फ़त ना हम छुपा सके,
ये दिल अब और ना जला सके....

भरे सावन में प्यासे रह गए,
दरस तेरे, नयन ना पा सके....

ना जाने किस तरह के बादल हैं__ना जाने कैसी हैं ये बरसातें;
भरी-भरी सी मेरी आंखें ये__ क्यों दिल की प्यास ना बुझा सकें...

लफ्ज़ अब घुट रहे हैं बातों में,
नींद, आंखें चुराए रातों में....
कलम ये गिर रही है हाथों से
नाम तेरा क्यों लिखा हाथों में_शिकायतें करे है दिल ये मेरा
तुझे लकीरों में ना ला सके...

कहीं से हर्फ़ चोट खाए हैं,
के अब अल्फ़ाज़ डगमगाए हैं....

इस कदर लफ्ज़ भारी पड़ गए हैं,
बोझ अशआरों का, अब ये सफ़्हात ना उठा सके ।।

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19 DEC 2024 AT 9:47

कुछ लोग जीवन में हादसे की तरह आते हैं,
कुछ लोग जीवन में हिम्मत की तरह आते हैं;
फैसला आपके हाथ में होता है,आप हादसे का चुनाव करते हैं या हिम्मत का....

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