Girish Dobhal   (Dobhal Girish)
1.3k Followers · 48 Following

read more
Joined 11 November 2019


read more
Joined 11 November 2019
8 JUN 2022 AT 23:42

"जबसे हमने इन समन्दरों से दोस्ती कर ली
हज़ारों तुफानों ने आकर हमारी राहों में
खुदकुशी कर दी"

-


22 MAR 2022 AT 20:24

मोहब्बत की राहों में हद से गुजर जाना चाहता हूं।
जैसे दरीया समन्दर में उतर जाना चहाता हूं।।

-


18 MAR 2022 AT 13:07

मुझको क्रंकीट के जंगलों में जिंदगी कहां भाती है।
मै मिट्टी का लाल हुँ मुझे मिट्टी की याद आती है ।।

-


16 MAR 2022 AT 22:07

पत्थरों के घरों में रहने से पत्थर हो चुके इंसानों का
मिट्टी से जुड़ा रहना‌ ही अच्छा है।
मिट्टी से पकड़ अगर छुटी तो कहां लुढकोगे कहां टुटोगे
और कहां डुबोगे किसी को पता नही।

-


14 MAR 2022 AT 20:00

किसकी किसकी आने की खबर किस किसको को महकाती है ।
हमारी तो आपको देख कर नजरें बहक जाती हैं ।‌।

-


20 FEB 2022 AT 20:10

जब तक विश्व की सम्पूर्ण विचारधाराओं का मुल मंत्र इंसानियत नही हो जाता ।
तब तक मानव जाति का कल्याण संभव ही नही है ।

-


30 JUN 2021 AT 21:38

तुम्हें जिन्दा लोगों की क्या मिसाल दूं,
मैंने मुर्दों को सांस लेते हुए देखा है।
मर चुका है इंसान दफ़न हुई इन्सानियत,
मैंने पुतलों को राहों पर चलतें हुए देखा है।

-


20 JUN 2021 AT 20:59

अब तो खुदा से रोज मुलाकात होती है,
शांम -ओ- सहर बस तेरी ही बात होती है।
तु चाहत तु मोहब्बत तु आदत तु ही इबादत,
तुझ पर ही गुफ्तगू सारी रात होती है।

-


11 JUN 2021 AT 7:06

"आरती" माँ हिन्दी की तुम सारथी हो!
माँ भारती की बेटी तुम्हारी "आरती" हो!

-


10 JUN 2021 AT 19:51

"मेरी यादों का चाँद"

-


Fetching Girish Dobhal Quotes