Girish Dindorkar   (गिरिश डिंडोरकर)
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30/06/83
Joined 28 July 2020


30/06/83
Joined 28 July 2020
25 MAR 2022 AT 11:05

तुमसे मुझे नफरत ही नही होती तुम कोशिश तो बहुत करते हो एक काम क्यों न करे उल्टा करे तुम कोशिश करो मुझसे मोहोब्बत करने की शायद फिर शायद कुछ ऐसा हो की हम नफरत करे

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25 MAR 2022 AT 10:29

"ऊपर अंबर नीचे धरती बीच में है दिल के अफसाने सालों में दर्द है कितना प्यार के दुश्मन ये ना जाने "

अरे कोई जाने ना जाने तुम्हें तो पता चल गया ना बस तोबा करो यार छोड़ो रहने दो दफा करो

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25 MAR 2022 AT 10:18

"वो ढूंढने को मोहब्बत में जब वफा निकला
पता चला के गलत लेके वो पता निकला ठीक है "

लेकिन उसको पहले ढूंढो जिसने तुम्हे वो पता दिया क्यों की उसे भी तो पता चले पता गलत था किसी और को देकर गुनाह मत कर भगवान माफ नहीं करेगा

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23 MAR 2022 AT 11:26

दुनिया को जलाने के लिए समझो
तुम ख्वाब भी देखो
तो इसे रास नहीं आता

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22 MAR 2022 AT 9:43

कुछ ऐसा बताओ
की यकी हो तुमपर
की तुम हमसे दूर न थे
पास रहते न भी
तो भी ठीक था मगर
साथ रहकर दूर नजर आना
अक्सर
ये तो ठीक बात नही

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22 MAR 2022 AT 9:27

तुम्हारी भावनाओ को
मेरे सिवाय
और
एक तुम्हारे अलावा
मेरी भावना
सब
समझते है

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21 MAR 2022 AT 9:46

कविता लिखना आसान नहीं था
तब जब मैंने शुरवात करी थी
बहुत हसी तब दुनिया सारी
जब ये गलती पहली बार करी थी
आज उसी दुनिया के लोगो
को रहता इंतजार है
में कविता जब भी लिखता हु
तब उनका मिलता प्यार है
एक नही हजार लिख चुका
फिर भी बहुत कुछ लिखना बाकी है

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21 MAR 2022 AT 9:29

मेरी तुमसे
तुम चाहो
तो मुझे पहला समझो

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21 MAR 2022 AT 8:16

जब तक खुला है
तब तक तुम पर न पाबंदियां है
न आने जाने पर कही रोक टोक
पर यदि बंद होगया तो
अघोषित और अनंत पाबंदियां तो होगी ही
पर जब रोक टोक होगी
तो यकीन मानो
तुम इस दरवाजे को खोलने की कोशिश तो करोगे
और शायद खोल भी लो
लेकिन इसकी चाबी वो नही रहेगी
जो तुम्हारे हाथ थी कभी

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19 MAR 2022 AT 18:40

सरकार चाहे किसी की भी रही हो केंद्र में या राज्य में जिम्मेदारी पक्ष तो छोड़ ही दो विपक्ष ने भी नही निभाई ये जो हुआ कश्मीर में एक कोम के साथ दूसरी कोम को दया भी नही आई वो फैलते रहे को रंग बू थी उनकी हमने भी कहा उनकी बाते अपने बच्चो को सुनाई हम रहे सेक्युलर जिंदगी भर तभी तो आज ये नौबत आई रहने दो जो उबाल आया है तुम में हिंदुस्तान के बाशिंदों दुनिया सोच रही है हिंदुओ ने अबतक आग क्यों नहीं लगाई हमे फिक्र है इस देश के अल्प संख्यको की तभी तो जुबान पर सिर्फ चुप्पी आई और क्या दे जवाब उन बेशर्म लोगो को इस देश के जिन्होंने हिंदुत्व को बदनाम करने दुनिया भड़काई

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