Akele hi kaat raha hun zindagi ka safar.
Na koi hamnawa mera na koi hamsafar-
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Kabaddi my favorite game.
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2 line shayari 😍
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शायरी मेरा शौक, ... read more
दुनिया की परवाह करना ही छोड़ दिया हमने
लोगो की बातों को हस कर टाल देते हैं,
पीठ पीछे तो बुराइयां चलती रहती हैं हमारे
ऐसे रिश्तों को भी हम संभाल लेते हैं,-
खो जाऊं इन वादियों में कोई मुझे ढूंढ़ ना पाए
बैठा रहूं शामों सुबह दिन मेरा यही गुजर जाए-
आज भी याद है वो दिन जब वो मुझसे आकर लिपट जाती थी..
हमें मारती डांटती और बहोत समझाती थी.
मुझे एक पल भी ना देखे तो सुकून नहीं मिलता था उसको.
हमें देखकर ही उसे रातों को नींद आती थी-
बहोत खूबसूरत तो नहीं मगर फिर भी माँ का दुलारा हूं
किसी की पूरी ज़िन्दगी हूं किसी की ज़िन्दगी का सहारा हूं.-
बदले हुवे लोग आज कल नज़र नहीं आते
सुना है गैरों की गोद में गिरते हैं.
अपनी गलतियों पर अफ़सोस नहीं करते
और अपना मुँह छिपाए फिरते हैं.-
इन हसीं वादियों में तन्हा बैठा रहा शाम तक
ये हवाएं भी मुझे अपने पास बुलाती रही.
मै अकेला इन पहाड़ों पर आया ख़ुशी के लिए
मगर फिर भी उसकी यादें मुझे रुलाती रही-
ख़्वाबों में ही सही हम उसे याद तो जरूर आएँगे
देखना एक दिन वो मुझसे वफ़ा की उम्मीद लगाएंगे-
अब वक़्त जाया नहीं करता इन फिजूल नुमाईशो में
जी जान लगा दूंगा अब अपनी इन ख्वाहिशों में-
दो दिल मिलाने वाला खुद दिल ना लगा सका,
लगा रहा ज़िम्मेदारियों मे अपनी मोहब्बत ना पा सका-