वो सोया हुआ है अपने सपनों में,
मैं जाग रहा हूँ उसके सपनों में।-
हर रात एक याद आती है,
आँखों मे मेरी बरसात आती है,
गुजर गयी रात इसी बरसात मे,
अबी और कितनी बरसातें बाकी है।
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लोग रातों मैं खो जाते हैं,
हम तो दिन मे ज़िन्दगी को खोके बैठे है,
आप वारदात पुछते है हमसे ,
हम मोहब्बत जैसे जुर्म किये बैठे हैं।-
मजबूर किया है तेरी आँखों ने..
मजबूर किया है तेरी आँखों ने....
वार्ना इश्क़ तो हम अपने आप से नही करते....-
शोर इतना हुआ,
सन्नाटे मैं भी एक आवाज सुनायी देती है,
इतना टूटा हूँ ,
आँखें भी मजबूर सी दिखाई देती है.....-
उसकी किताब में मुरझाए फूलों के कई बाग निकले,
हमें लगता था उसने गुलाब सिर्फ हमसे ही लिया होगा...-
ये गुमनाम सा शक्स मुझ मैं कौन है
मैं दर्द मैं हूँ और वो फिर भी मोन है....-
शर्म ,लिहाज मैं सब भूल गया था,
तेरे प्यार मैं चूर हो गया था,
ना जाने कौन सी घड़ी थी वो,
जब मैं तुझसे दूर हो गया था....-
आंखों से आँशु निकलते नहीं,
दिल टूट टूट कर रोता है,
तेरी एक झलक पाने को
दिल क्यू बेचेंन होता है....-
ये झुलसा हुआ शहर है,
किसने आग लगाई थी...
वो बार-बार रूठ जाती थी,
ऐसी क्या मुझमें बुराई थी.....-