उसके शहर की सड़कों से पूछ उसका पता
पहुंच गई थी वहां, जहां वो था नहीं-
इसने मुझे, मैंने इसे
समझाया कुछ इस तरह
दिल ये मेरा मुझसे ही
ख़फ़ा होके सो गया-
मददगारों के वेश में फिरते हैं लुटेरे यहां
न समझो फरिश्ता, धोखे मशहूर है इनके यहां-
राधा ढूंढे कृष्ण को
कृष्ण छुप-छुप जाएं
कदंब वृक्ष के पत्तों में छिपे
कृष्ण जो बोलें
राधे .. ओ राधे ...
राधा शरमा-शरमा जाए-
जश्न-ए आजादी
आज पूरा हिंदुस्तान मना रहा है
हमारे देश की आन-बान और शान तिरंगा
आज हर घर में लहरा रहा है
जैसे दीपावली में दीपक की कतारें
हर गली मोहल्ले गांव और शहर के
हर घर को रोशन करती हैं
आज यही कहानी
हमारा प्यारा तिरंगा दोहरा रहा है
जश्न-ए-आजादी
आज पूरा हिंदुस्तान मना रहा है
हर घर में उत्सव सा माहौल है
हर हिंदुस्तानी तिरंगे संग
अपनी डीपी लगा रहा है
जश्न-ए-आजादी
आज पूरा हिंदुस्तान मना रहा है
हमारे देश की आन-बान और शान तिरंगा
आज हर घर में लहरा रहा है
जश्न-ए-आजादी
आज पूरा हिंदुस्तान मना रहा है-