Gayatri Shah   (Trisha ✌️)
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Joined 16 October 2018


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13 NOV 2021 AT 19:22

आज भी जब सोचती हूं कुछ लिखने का
तो दिलों दिमाग़ में सिवा तेरे, कुछ आता ही नही ।

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1 NOV 2021 AT 8:32

Kafi socha tumhe bhula du...
Magar na jane kyu ye dil nhi manta 🤔🤔🤔....


Sbko mere dil ka haal pta h 🤷‍♂️.
Bs ek tu hi nhi janta. 💔

#specialone

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23 AUG 2021 AT 20:20

Kuchh Pal Ki Khushi Hai Ye
Maante Hain, Fir Bhi

Is Ishq Me Jalna Chahte Hain...

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20 AUG 2021 AT 23:21

आज कल मिजाज़ कुछ बदले से हैं हमारे
बातें करते हैं तो उनकी, बातें सुनते हैं तो उनकी
उनकी पसंद अब पसंद आने लगी है और
उनकी नापसंद, उससे तो दूर जाने लगे हैं
हाल भी कुछ-कुछ बेहाल सा लगने लगा है
उन्ही का बस उन्ही का अब खुमार सा चढ़ने लगा है
न जाने क्यों, आज कल मिजाज़ कुछ बदले से हैं हमारे
प्यार! प्यार तो नही शायद
या शायद , शायद हमे उनसे प्यार सा होने लगा है ।

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25 JUL 2021 AT 18:37

न जाने क्यूं वो कुछ ही पल में इतने खास हो गए
काबू न हमारा रहा खुद पर और
न जानें वो क्यूं बेकाबू हो गए
नासमझ हम थे माना , पर उन्हे तो समझ थी
हम जो थे वो उनके सामने थे, मगर उनकी सच्चाई से तो वाकिफ वो ही थे
फिर क्यों हमे रोका नहीं, फिर क्यों हमे टोका नहीं
क्यों हमारे एहसासों को अपने लफ्ज़ों में पिरोते चले गए
फिर क्यू हमारे सामने अपने दिल की किताब के हर पन्ने खोलते चले गए
अपनी मजबूरियां को एक बार नजरंदाज भी कर दें माना
मगर उनकी मजबूरियां ही तो इस दिल की परेशानियां बन गई हैं
जब साथ लिखा ही नहीं था किस्मत में तो क्यों साथ ही आए
अब जो इस दिल की परेशानियां हैं वो जाकर किसे सुनाएं
उन्हे सुनाने को चाहें भी तो दिल इजाज़त नहीं देता
उन्हे भूलना चाहें भी तो ये मोहलत नहीं देता
कुछ अजीब कशमकश में फंसते चले जा रहे हैं हम इस कदर
की फ़रियाद करें भी तो किससे, हाल ए दिल कहें भी तो किससे
न जाने क्यों वो अजनबी अब अजनबी से न रहे
न जाने क्यों हम भी बस उन्हीं के होते चले गए
न जाने क्यूं ।

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7 JUN 2021 AT 17:37

एक बार हक़ जता कर रोकते तो सही,
वापस दूर जाने का सोचते भी न कभी।

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6 JUN 2021 AT 11:48

खामोशियां पसंद आने लगी है हमे तब से,
लफ्ज़ों को समझना छोड़ दिया लोगों ने जब से।

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5 JUN 2021 AT 12:37

सालों पुराना रिश्ता यूंही
पल भर में तोड़ देना आसान नहीं होता,
मगर बेजां रिश्ते का बोझ अकेले उठाना
ये भी तो कोई हल नहीं होता ।

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4 JUN 2021 AT 15:31

Sapno ki udaan ko thaame
Manzilon ka intezar kiya krte hain
Naa jaane roz ese kitne apraadh kiya krte hain ...

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3 JUN 2021 AT 23:07

ही सही
मगर तुम सिर्फ मेरे तो हुए।

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