Gayatri Nawal   (Jaagriti)
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एक हवा... जो जर्रे जर्रे से खुशियां चुरा कर एक एक सांस मे समा जाए
Joined 9 June 2018


एक हवा... जो जर्रे जर्रे से खुशियां चुरा कर एक एक सांस मे समा जाए
Joined 9 June 2018
18 JUN AT 12:07

इमर्जेंसी लैंडिंग
काश अहमदाबाद हादसे के विमान की इमर्जेंसी लैंडिंग हो जाती...😪😪
(कैप्शन में पढ़े...)

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15 JUN AT 17:21

बस और बस डरना.........
माँ का बच्चों को डराने का
हथियार रहे हैं पिताजी
चाहे शैतानियों को
लगानी हो लगाम
या करवाना हो
कोई नापसन्द काम
बेमन से करनी हो पढ़ाई
या रोकनी हो बेमतलब की लड़ाई
पिताजी की डाँट में
रहा हमेशा माँ का हाथ
माँ ने वंचित रखा पिताजी को
प्यार के हर उस भाव से
जिस पर माँ सिर्फ़ और सिर्फ़
अपना ही नैसर्गिक अधिकार समझती है
पिताजी की माँ ने भी रखा होगा शायद
उनको हृदय में बहते
हर उस करुणामय भाव से
जो उन्हें कमज़ोर बनाए...
शायद हर पुरूष की झोली में
डाल दी गई है ये अनचाही खैरात
जिसके बोझ तले दबे अपने प्यार को बदल दिया उन्होंने
सिर्फ़ और सिर्फ़ अपने दायित्वों में...



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11 JUN AT 10:18

हर मुश्किल में पार लगाय
बुद्धि हर कोय पाय पर
समझ विवेक से आय
म्यान पड़ी तलवार
जंग खाय सोई जाय
समय-समय की धार ही
अरि की रखे नींद उड़ाय...

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17 APR AT 22:57

I
AM
BLESSED
WITH
GRAND
BABY GIRL

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28 MAR AT 9:28

मन ईश्वर की कृपा का शिवाला होता है
जड़ चेतना को मिलती जागृत अवस्था
बुद्धि में विवेक का संचार होता है
बदलती दृष्टि से संवरती सृष्टि
सत्य समीप स्वप्न संसार होता है...


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27 MAR AT 22:09

चाहत का सिलसिला
सीने में धड़कने लगा है
पहन के तेरे ख़्वाब
आँखों में संवरने लगा है
नींद को अब आराम कहाँ
मुझमें तू जगने लगा है
क़ुरबाँ तुझ पर ओ रंगरेज मेरे
पल पल तुझसे रंगने लगा है...

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27 MAR AT 18:40

अंदाज़ ए अदा को तुम
इतना तो न धार दो
जिस तीरे-नज़र के मारे हैं
अब उनका दीदार दो...

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25 MAR AT 15:32

आब-ए- हुस्न का तकाज़ा
जवानी ही क्यूँ हो भला
किसी का दीदार ही काफ़ी है
इस रोशनाई के लिए...

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21 MAR AT 10:11

रखना ख़ुद को संभाल कर
सादगी का निहायत खूबसूरत
वज़ूद हो तुम...

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13 MAR AT 21:44

होली के दिन दिल खिल जाते हैं
रंगों में रंग मिल जाते हैं
गिले शिकवे छोड़ के दोस्तों
दुश्मन भी गले मिल जाते हैं..

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