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#कर्म के पथिक।।
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ना जाने किस मद में है,हमारे मुल्क के अरबाब-ए-सियासत
बेरोजगारी और महंगाई से होती नहीं देश कि हिफाज़त।।
@प्रियदर्शी
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जितनी तजवीज़ थी, मुझे दुश्मनों के बारे में
वो सारी दस्त-कारी मुज़्मर थी, मेरे दोस्तों में
@प्रियदर्शी
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जो अकेले ही असुरों पर भारी थी
अडिग, अचल और स्वभिमानी थी
लेकर तलवार ,होकर सवार
रणचंडी बन अवतारी थी
वो हमारी झांसी की रानी थी!!
~प्रियदर्शी
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Extrovert
Yah,, Sometimes I feel like,
"I am Extrovert"
and many time,
It puts me into a world of pain.
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पुरानी बातों से,कुछ जज्बातों से
संघर्षों से और भविष्य के कल्पनाओं से
मन की केतली भरी हुई है
मेरे मनुष्य होने के एहसासों से!!
@प्रियदर्शी-