यार नटवंश, तेरी छांव में बैठकर मैने बहुत कुछ लिखा है पर तुम्हारे लिए कभी नहीं लिखा। वास्तव में तुम मेरे कॉलेज लाइफ के वो सितारे थे जो इस संकुचित और कुंठित लड़के के सुकून को आयाम देते रहे। तुम फूल थे, तुम खुशबू थे, गंगा थे, बृंदावन थे, कॉलेज का मेरा एकमात्र प्यार थे तुम। वैसे हम तुम्हारे लिए बुरे कहलाए, बदनाम हुए और आखिर में तो दुखी भी । पर तुम से क्या शिकायत तुम तो अपने हो यार। इसलिए ताउम्र मेरे कॉलेज की यादों में तुम्हारी सबसे बड़ी हिस्सेदारी होगी जिसे मैं सहेज कर रखूंगा।
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