जब होऊं उदास,
खो दूं मैं आस,
तब तुमसे बस इतना चाहूं।
तब भी तुम चाहो मुझे,
जब खुद भी खुद को न चाहूं।-
काश खुदा ये मेरी दुआ सुने।
कभी गंगा घाट पे तू मेरे साथ रहे।
एक फकीर आए ,बस इतना कहे,
"तुम दोनों की जोड़ी सलामत रहे"।-
तुम्हारे पास से उठकर हॉस्टल कौन जाता है?
तेरे पास बैठ जाने से दिल चंगा हो जाता है।
मैं थका हारा ब्रह्मपुत्र में डुबकी लगाता हूं,
तुझसे नजरें मिलते ही मन गंगा हो जाता है।
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बरसों बाद मिली नजरें,
फिर भी खुद को रोके है।
एक टूटे दिल ने समझाया,
ये पहली नजर के धोखे है।
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होली के इस उमंग में
तुम रंग जाओ मेरे रंग में
खूब जचोगी तुम साथ मेरे
जैसे राधा कान्हा के संग में।
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हम मिडिल क्लास के लड़के है
फ्रस्टेशन में थोड़े भड़के है
पर्स अक्सर आड़े आती है
हम शौक दबाए रखते है
एकतरफा प्यार संभाले रखते है
घर के जंजाल छुपाए रखते है
हम मिडिल क्लास के लड़के हैं।
अरे ख्यालात पुराने थोड़ी है
ये तो अपनी मजबूरी है
हमने भी सपने देखे होते है
पर औरों के सपने जीते है
कई बार सोचा है कहने को
पर हर बार ही हम अटके है
इसलिए भी थोड़े भड़के है
हम मिडिल क्लास के लड़के है।-
इस सफर में हताश है गालिब।
एक गौहर की आस है गालिब।
जो कहे, ला कर दूं तेरी असाइनमेंट,
ऐसी लड़की की तलाश है गालिब।
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शब्दों को इतने अच्छे से समझ जाती हो।
हर्ष इ, दीर्घ ई की उलझनें सुलझाती हो।
फिर क्यों नहीं समझती,
मेरे इशारों के ताने-बाने।
मैं ही कह नहीं पाता
या छोड़ जाता हूं
हर बार अपनी बातों में
खूब सारी उलझने?
मेरा प्रेम अनंत है
या मेरी चाहत अंतहीन
मैं खुद उलझन में हूं
और तेरी यादों में गमगीन
कोई खास चाहत नहीं मेरी
बस इसके सिवाय
सुकून का आखिरी कोना
मैं ,तुम और एक कप चाय।-
इजहार-ए-इश्क़ का दिन हैं,किसी का जाया ना जाए।
वो ना कहे तो उसकी सहेली को मैसेज किया जाए।
ये महीना देखकर मोहब्बत करने का क्या मतलब,
क्यूं ना हर महीने एक नई का इंतज़ार किया जाए।
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