O! When will you Elect Yourself. When will you Select Yourself. When will you See Yourself. When will you Talk Yourself. When will you Walk to Yourself. When will you Sing your own Song. Isn't the 'Other' Enough now. Isn't the 'Other' Other now. O! If Not You were never Alive.
प्रकृति तुम्हारी मान्यता तुम्हारी श्रद्धा तुम्हारे विश्वास से परे है। वह तुम्हारी मान्यताओं पर नहीं है तुम्हारी मान्यताएं उस पर हैं। अपनी मान्यताएं, अपनी श्रद्धा, अपना विश्वास, अपनी धारणा स्वंय तक रखो।
यह नव वर्ष भी अपना ही है इसे भी मना लो वह नव वर्ष भी अपना ही है उसे भी मना लो यह भी एक करवट है वह भी एक करवट है यह भी एक गणना है वह भी एक गणना है यह भी बीत जाएगा वह भी बीत जाएगा इसका आना भी मना लो उसका आना भी मना लो। यह भी एक उम्मीद है वह भी एक उम्मीद है यह उम्मीद भी मना लो वह उम्मीद भी मना लो यह नव वर्ष भी अपना ही है इसे भी मना लो। पूरी वसुधा कुटुम्ब अपनी सभी अपने हैं सब अपना है सब कुछ मना लो सबको मना लो यह नव वर्ष भी अपना ही है इसे भी मना लो।
वह है वह नहीं भी है वह प्रेम है वह द्वेष भी है वह रंग है वह अरंग भी है वह कह रहा है वह मौन भी है वह नाम है वह अनाम भी है वह हो रहा है वह हो रही है वह बीच में भी है वह सब कुछ है वह कुछ नहीं है।