गौरव समाधिया   (Gumnam shayar(samadhiya))
2.0k Followers · 4.4k Following

#ब्राह्मण
Birth-4 june,from -gwalior
Joined 6 March 2019


#ब्राह्मण
Birth-4 june,from -gwalior
Joined 6 March 2019

राह के पत्थर को चकनाचूर होना चाहिए
वार चाहे एक हो, भरपूर होना चाहिए
सिर्फ इतना ही नहीं कि वो हार अपनी मान ले
वो हमारे सामने फिर मजबूर होना चाहिए

-



ठहराव तो जैसे उसमे था ही नहीं
रूकती थी निकल लिया करती थी
मैं कपड़े बदलते सोचता था
वो मर्द बदल लिया करती थी

-



Tumare pairo k neeche jamin nhi h,taajjub ye h ki tumko yakeen nhi h,,vikas nhi hoga to haroge hi,,bta de tumko Jeet koi namkeen nhi h

-



पहले दिल को अपना बनाया
फिर खेला वो जज्बातों से
वो मुझे अपना लगता रहा
था मगर सिर्फ बातों से

-



मतलब ये कि भूला नहीं हूँ,ये भी नहीं कि याद आते हो, पहले सबसे पहले तुम थे अब तुम सब के बाद आते हो

-



गहराई होती है मालूम, दरिया मे उतर जाने के बाद
याद आता तो है तू,जैसे सालों पहले मर जाने के बाद
बस इतना सुकून मुझे देता जा ,अरे ओ जाने वाले
मेरा घर, घर सा लगे, मेरे घर जाने के बाद

-



मुझसे और कमी अब मोह्हबत मे निकाली नहीं जाती
यादों को कहो ना आएं,ये हमसे संभाली नहीं जाती

-



नहीं रहे कोई मलाल जिंदगी मे
यही आखिरी सबाल जिंदगी मे
ख्वाइश रखना अच्छी बात है
मत करो कोई बबाल जिंदगी मे
खामोश रहो अपनों की खातिर
अपनों का करो ख़याल जिंदगी मे
दिये को तो बुझा दिया जाता है
बन ना है,बनो मसाल जिंदगी मे
हो खुदगर्ज तुम ये मालूम है हमें
दुआ है की रहो खुशहाल जिंदगी मे
छीन ली खुशियाँ जो तुमने ओ जाना
कर दो अब उनको बहाल जिंदगी मे
तू जो देगा वो सब मंजूर ऐ खुदा
अब ना देना बस ये साल जिंदगी मे

-



पहिया समय का एक चाल चलने वाला है
फिर आएगा, सूरज आज जो ढलने वाला है
उम्मीद यही है की कुछ अच्छा हो सबका
मुबारक हो, आखिर ये साल बदलने वाला है

-



ताउम्र बैठो सुकून से छाँव मे जिसकी
घर के बगीचे मे कोई ऐसा शज़र रखो
एक टक देख रही हो सुबह से तुम मुझे
यार अपनी नज़रो पर कुछ तो नज़र रखो

-


Fetching गौरव समाधिया Quotes