If you are in corporate sector ,
Your colleagues wish you on Friday
"Happy weakend or enjoy your weekend"-
शायद, मुझे कभी किसी से मोहब्बत नही हुई।
लेकि... read more
मुझे घुमाया गया इक गली में,
मेरी आँखो पर पट्टी बांधकर ।
ये "उसकी" ही गली थी,
मैं हजार बार कह रहा हूँ।।-
रास्तों में ,
सड़कों पर पड़े गड्ढे
सड़क को ही तोड़कर
खुद को भरने का
प्रयास करते है ।-
जिस तरह "वर्णमाला"
'स्वर और व्यंजन'
से मिलकर बना है
ठीक उसी प्रकार
ये "संसार" भी
'स्त्री और पुरुषों' से
मिलकर बना है
जिसमे स्वर स्त्रियां
तो पुरुष व्यंजन होते है
जिनका स्वर के बिना
अस्तित्व
असम्भव सा लगता है-
इक सफ़र में है निकला
सफ़र मेरा
अनेक मुश्किलो
में घिरा तन्हा
अपने हमसफ़र को
ढूंढने है निकला
सफ़र मेरा
रास्ते मे चलता
सोचता, डरता ,निहारता
और पूछता
सफ़र मेरा
ना जाने कैसा होगा
हमसफ़र मेरा
अकेला ही रह गया
वो सफ़र बिन हमसफ़र के
फिर भी सोचता रहा
अच्छा ही रहा होगा
सफर मेरा-
हम आजाद थे
फिर भी
आजादी के लिए
लड़ रहे थे
(Full read in caption)-
मेरी ईश्वर से यह दिली तमन्ना है ,कि आपकी जो भी ख्वाहिश हो ,वो आप पा सको ।और इस दुनिया मे, जो आपकी सोच है वो एक अमिट छाप छोड़ जाए ।।जिससे आप सदियों तक याद किये जाओ।
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The important thing is not to stop questioning. Curiosity has its own reason for existence. One cannot help but be in awe when he contemplates the mysteries of eternity, of life, of the marvelous structure of reality.
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बीमारी लेती हुई
महामारी का रूप
चारो तरफ मौत का आलम
तन्हाई भरा माहौल
रात में रोते हुए
कुत्तो की आवाजें
इन सब के बीच फंसा
मैं आधा मर चुका हूँ
जिंदा हूँ तो सिर्फ
माँ की दुवाओ से
या अपनो के प्यार के सहारे
बैशाखी लेकर मैं चल रहा हूँ-