बेलने पड़ते हैं पापड़ , कई मुझे इस ज़माने में..
माँ तो बस खुश रहती है मेरे ठीक से खाने में !
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She said :
Ups and downs , It's not fine ;
Our relation is like function sine !
Ups and downs is what makes sense ;
Since High frequency can pass through dense !
He replied!-
जीवन अगर अंधरे मे तो दिया जलाना तुम सींखो
किचड़ मे हो अगर तो कमाल उगाना तुम सींखो ॥
चिन्तन - मनन से दुविधाओं का संहार करो
शिवाजी राजे बन माँ भारत के लिए काम करो ॥
गांधी बन शांति से दूर करो हर भ्रांति
तो कभी बन भगत सिंह करो भयंकर क्रांति ॥
करो जो भी करो खुशी से यही तो जीवन है
कभी रोना कभी हंसना यही तो इसका हैं ॥
कभी माफ़ी कभी क्रोध करो बस करना अपना कर्म
बस हार ना मानना तुम क्या थोड़ी सिंह से कम? ॥
चलो हटा दो अपने मन से मैले आवरण
युद्ध भूमि यह जीवन पार्थ चलो फिर से लड़ने रण !-
किया नहीं कोई बात हमने कई दिन
मिले जब तब अब मन ही नहीं लगता तेरे बिन
सोचा नहीं था कॉलेज में भी हो सकता कोई इतने पास
याद हैं? जब कहाँ था हाँ तुम हो मेरे खास !
कितने कांड हमारे और कितने गंदे काम
दे के रख दिया किसको कैसे कैसे नाम
मज़ा करते साथ और साथ मैं हैं पढ़ते
लक्ष्य लिए अब हम चलो आगे बढ़ते !
आशा है कि यह बंधन यूँही रहे बरकरार
वोट दे कर जीताये हमें दूर होगा अंधकार
क्यूंकि " अबकी बार _____ सरकार "-
निकिता तक करना मुझे ना सीमित , मैं पूरी हिंदूओं की दशा बताती हूं !
हाँ ऊपर हूं अब जरूर पर तुम्हें जगाने आती हूं !
बचपन से मेरी क्या गलती सबने मुझे यहीं सिखाया
बेटी सब अच्छे , सब भाई भाई यहीं पाठ रटवाया !
हो कर बड़ी कक्षा दस मैं तौफीक से मुलाकात हुई
हर जगह वो मुझे छेड़ता और करता गंदी हरकत ;
कहता बनो मुस्लिम करो शादी तभी मिलेगी तुझको बरकत !
बताया जब मैंने यह बात घर पर सब गए डर
पुलिस क्या करती ? इनकी एकता का था जो असर !
फिर भी मैंने 95% से 12 पास कर जाती हूँ
बेटी पढ़ाओ के नारे को सच कर के मैं दिखलाती हूं ;
पर लगातार परेशान कर रहा था मुझको वो शैतान
बी कौम फाइनल दे के निकली अगवा करने लगा मुझे अकेला जान
जैसे तैसे निकली तब छाती पर गोली खाती हूं !
जागो मेरे हिंदूओं , लहू के छिटों से मैं तुम्हें जगाती हूं !
घेरा हैं तुम्हें बॉलीवुड के खानी शकुनी ने
भटकते रहो हुई मुर्ख बन के चाहते यहीं बस ये !
याद रखना जब तक तुम्हारी यह नपुंसकता जारी हैं
आज मेरी बारी थी कल तुम्हारी बारी हैं...!-
Tu pizza dominoes ki ,
Mai bhandare ka woh akhri mithai !
Tu agar Cappuccino , Starbucks ki ;
Toh Mai kulhad ka garam chai !-
Never We thought we will be so close
That we need vcs & kisses as a dose ;
Hugging you tight is what makes things right ;
In this dark life , you are a lamp burning bright..!
I go to sleep Lying on your lap
No fucking things bitch I am following no fap ;
I hope we will remain forever the same
No more poem I am going as she came !-
बेटियों को कहा गया जिस भूमि पर " भगवान " ;
उस भूमि पर अत्याचार कर रहे , उन पर यह इंसान ?
लाख प्रयत्न कर के एक पिता अपने बेटी को पढ़ाता ;
आयी नहीं बहुत देर हो गया ; भाई को चिंता सताता !
माता तो हर वक्त साया बन कर उसकी रहती है ;
पर जान लेते है अब वो क्या क्या पीड़ा सहती है ,
निकलते के साथ ही अधिकांश लोग ताड़ते नहीं थकते
ऑटो वाले बेशर्मी से उन्हें छेड़ने लगते ;
यह वही लोग जो अपनी बहन को कपड़ो मैं बंद देते कर !
दूसरों की बहनों इनको लगते माल मगर !
इसी बात को बताने आज भाई तुम्हारा आया है
अरे जिसको तुम प्रेम समझ रहीं, वो बस इनकी माया हैं ;
लेकिन रावन अगर आज तो राम भी अभी कम नहीं !
जरूरत बस यही की पीढ़ी पकड़े मार्ग सही ;
छोड़ें बॉलीवुड और पश्चिम की यह कपटी जाल
इसी के कारण हुआ आज बेटियों का बुरा हाल !
पुनः अगर " हिंद " को स्वर्णिम देश बनाना होगा
सबके मन से मन तक परिवर्तन को लाना होगा ;
उठाओ सुदर्शन चक्र कृष्ण का मैं तुम्हें जगाने आया हूं !
हर दुर्योधन की छाती का लहू बहाने आया हूं !-
मानवता पर जो काले कलंक , मैं उसे मिटाने आया हूं !
व्यथित गौ माता के दर्द आज तुम्हें सुनाने आया हूं ।
हे मानव तुझे उस माता ने बचपन से दुध पिलाई
दही माखन और घी से मिठाई भर पेट खिलाई ।
चूल्हे पर भी हर दिन उसके गोबर के उपले जलते थे
अनाथालय के बच्चें तो गौ माता पर ही पलते थे!
वेद शास्त्रों मैं मेरी महिमा का इतना बखान हैं
कामधेनु और नंदनी गौ माता की ही शान हैं !
लेकिन आज तुम अपनी माता को कसाई को देते बेच
बाँध देते फिर मुझे ले जाते गाड़ी में वो खेंच।
मेरे छोटे बछड़े को वो दानव घसीट ले आता है !
माँ माँ माँ कहता हुआ ; मेरा बछड़ा आँखों से ओझल हो जाता है !
रोते हुए भूखी प्यासी आज से हो गया कल ;
तभी मेरे पूरे तन पर यह गरम डाल देते जल !
यह भी तो मेरे दुध से ही इतने बड़े हो पाते हैं
फिर उसी प्राणी के मांस भी वो कैसे खाते हैं..?
अब तो तुम्हारा विज्ञान भी आयुर्वेद को मान रहा !
गौमूत्र और दुध दही के अमृत तत्वो को जान रहा ;
अभी वक्त हैं लौटो पुत्रों फिर से सही मार्ग पर वर्ना तुम पछताओगे..!
गाय पा लोगे लेकिन गौ माता नहीं पाओगे !-
महाकाल के बेटे हैं हम किसी से नहीं है डरते ;
चाहें दुश्मन हो लाख फ़िर भी ; सीना ठोक के चलते !-