Gaurav Shaw   (Gaurav shaw ⚘)
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Chankuchank¿?⚘
Joined 13 October 2019


Chankuchank¿?⚘
Joined 13 October 2019
9 AUG 2022 AT 20:38

तुम पुछ लो तुम मेरी क्या हो ?
सूखे मन पे बरशा की पहली बूँद हो
खिलते कृष्ण कमल लताएँ तुम को ही अर्पण हो तु राधा मत बन्ना मुझे अगले जन्म मे नहीं इसी जन्म मे है तुम से मिलना।
चनकुकचैंक ⚘

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8 JUL 2022 AT 11:16

मुसाफिरो की बस्ती है
दिल् लगाना ठीक नहीं ।

हर चौराहे पर अलविदा कहेंगे
हम किसी किसी को याद करेंगे ।

चनकुकचैंक ⚘

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20 MAY 2022 AT 10:54

भँवरा ना फूलों में चीन परचित है
ना जानता  है फूलों की जात
प्यासा है बुझाता फिरता प्रेम रस से प्यास
सैनिकों ने जकडे उसके हाथ ले गये अपने साथ
विद्वानों का द्वार लगा था भँवरा अकेला खड़ा था
दलीलें पेंस हुई भँवरा दोषी पाया गया
दण्ड था आजीवन कारावास
फूल दोरती हांफते स्वर में
आप से हो रहा पाप पाप पाप
दूत ये प्रेम का पूजने के ये पात्र
भवन में हाये हाये का सोर हूँआ

भँवरा आजाद हूँआ
प्रेम संदेशा ले फिर दोड़ा चला   । 

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17 APR 2022 AT 15:54

गुल्लक में हर रोज,
एक नयें सपने इकठ्ठा करता हूँ, मैं ।
जो मिल जाता है, उसे पास मे रखता हूँ मैं ।
जो नहीं मिलता, उसे गुल्लक मे हर रोज इकठ्ठा करता हूँ मैं ।।

पा केभी जो खो देता हूँ मैं
निराशा नहीं होता हूँ, मैं ।
उसे भी गुल्लक में सँजो कर रखता हूँ मैं ।। 

गुल्लक में हर रोज
एक नयें सपने इकठ्ठा करता हूँ मैं  ।।

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20 NOV 2021 AT 16:40

जीन्दगी भी कितना ख़्याल रखती हैं
सोच में जिए हुए सफर को
हक़ीक़त में बदल देती है
कल जो साथ थे
आज साथी बदल देती है
जीन्दगी भी कितना नकाब पहनती है
बदलाव ही है जो जीने का मजा देती है
जीन्दगी भी कितना ख्याल रखती हैं 
चनकुकचैंक ⚘

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21 FEB 2021 AT 16:33

जरूरतें कम हो ,
तो शिकायते खुद से कम हो जाती हैं ।
और शिकायतें कम हो जाए ,
जीन्दगी जीने में थोड़ी-सी आसानी हो जाती है ।।
चनकुकचैंक ⚘

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19 FEB 2021 AT 15:49

किसी के प्रयोजन को
मेरी वेदना तु स्वांग ना रच
प्रणय अनुरक्ति कामना ना रख
अभाव मे प्रणय पूजनीय
अभाव केलिए प्रणय तृष्णा  ।।
चनकुकचैंक ⚘

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7 FEB 2021 AT 18:12

कुछ पाने की कीमत कुछ अदा करनी पड़ती है
जीन्दगी भी व्यापारी मालूम पड़ती है
सौदेबाजी में हर बार जीन्दगी कमजोरियों पर वार करती है
सपनों की बातें कर के जरूरतों की चीजों में  मोल भाव करती  है ।।
 

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15 NOV 2020 AT 11:41

ओस की बूंदो मे रात और रोशनी हैं
दोनों पास पास
गूंजती चुप्पी  थम सी गयी है सांस
दोनों पास पास
आखों मे बसीं रोशनी मन मे उतर गयी रात
दोनों पास पास
मुस्कराती रोशनी शर्माती रात
दोनों पास पास
बातों में रोशनी खो गईं बीत गयी आधी रात
दोनों पास पास
और कब तक है
दोनों पास पास........
                        जब तक है ?

चनकुकचैंक⚘

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23 OCT 2020 AT 22:15

मैं हर दिन दिए बदलता हीं रह गया
मेरे मन के छत पर काला रंग गहराता चला गया
गलत कोई था दोषी मैं किस से ठहराता चला गया ।।

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