रंगो का यह पर्व होलिकोत्सव, इन्द्रधनुष रूपी रंग शक्ति, संयम, सद्भाव, सफलता, प्रेम, यश एवं समृद्धता से सपरिवार आपके जीवन को परिपूर्ण करें। आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएंयें - गौरव साहू(भारतीय स्टेट बैंक, चिरगांव) -
रंगो का यह पर्व होलिकोत्सव, इन्द्रधनुष रूपी रंग शक्ति, संयम, सद्भाव, सफलता, प्रेम, यश एवं समृद्धता से सपरिवार आपके जीवन को परिपूर्ण करें। आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएंयें - गौरव साहू(भारतीय स्टेट बैंक, चिरगांव)
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परमपिता परमेश्वर इस नव वर्ष को आपके लिएसुख, समृद्धि, शान्ति, संस्कार और यश से परिपूर्ण करें ।इन्ही शुभकामनाओं के साथ आप और आपके परिवार को मेरे और मेरे परिवार की ओर से नववर्ष 2023 की हार्दिक शुभकामनायें ।🌹" नववर्ष अभिनंदन "🌹💐💐 गौरव साहू 💐💐{भारतीय स्टेट बैंक, चिरगाँव} -
परमपिता परमेश्वर इस नव वर्ष को आपके लिएसुख, समृद्धि, शान्ति, संस्कार और यश से परिपूर्ण करें ।इन्ही शुभकामनाओं के साथ आप और आपके परिवार को मेरे और मेरे परिवार की ओर से नववर्ष 2023 की हार्दिक शुभकामनायें ।🌹" नववर्ष अभिनंदन "🌹💐💐 गौरव साहू 💐💐{भारतीय स्टेट बैंक, चिरगाँव}
परमपिता परमेश्वर इस नव वर्ष को आपके लिएसुख, समृद्धि, शान्ति, संस्कार और यश से परिपूर्ण करें ।इन्ही शुभकामनाओं के साथ आप और आपके परिवार कोमेरे और मेरे परिवार की ओर से नववर्ष 2023 कीहार्दिक शुभकामनायें ।🌹" नववर्ष अभिनंदन "🌹💐💐 गौरव साहू 💐💐{भारतीय स्टेट बैंक, चिरगाँव} -
परमपिता परमेश्वर इस नव वर्ष को आपके लिएसुख, समृद्धि, शान्ति, संस्कार और यश से परिपूर्ण करें ।इन्ही शुभकामनाओं के साथ आप और आपके परिवार कोमेरे और मेरे परिवार की ओर से नववर्ष 2023 कीहार्दिक शुभकामनायें ।🌹" नववर्ष अभिनंदन "🌹💐💐 गौरव साहू 💐💐{भारतीय स्टेट बैंक, चिरगाँव}
जो सिर्फ फिदा था तुम परउसे तुम गधा समझ बैठेपाने को जिसे, खो दिया खुद कोउसे तुम खुदा समझ बैठे -
जो सिर्फ फिदा था तुम परउसे तुम गधा समझ बैठेपाने को जिसे, खो दिया खुद कोउसे तुम खुदा समझ बैठे
सोचता हूँ कि PUBLIC INTEREST में,तुझ पर एक मुकदमा दाखिल कर दूँतेरी आँखों का काजल ऐ जालिम,लोगों का कत्ल करने को काफी है -
सोचता हूँ कि PUBLIC INTEREST में,तुझ पर एक मुकदमा दाखिल कर दूँतेरी आँखों का काजल ऐ जालिम,लोगों का कत्ल करने को काफी है
उसने सुना तो मुझे बहुतपर कभी समझ ही न पायादिल भी मेराकितनी ही पायल~झांझर छोड़जिसके पैर के काले धागे पर आया -
उसने सुना तो मुझे बहुतपर कभी समझ ही न पायादिल भी मेराकितनी ही पायल~झांझर छोड़जिसके पैर के काले धागे पर आया
तो हुआ कुछ यूँ कि,वो झुमके हमनें उन्हेंनजराने में दे दिए,जिन झुमकों की हमेंक़ीमत बढ़ानी थी -
तो हुआ कुछ यूँ कि,वो झुमके हमनें उन्हेंनजराने में दे दिए,जिन झुमकों की हमेंक़ीमत बढ़ानी थी
Tumhe दिल्लगी bhool jani padegiEk tarfa मोहब्बत karke to dekho -
Tumhe दिल्लगी bhool jani padegiEk tarfa मोहब्बत karke to dekho
पड़ती होगी औरों को जरूरत किसी मैखाने कीमुझे मदहोश होने को, तेरी झूठी चाय ही काफी होगी -
पड़ती होगी औरों को जरूरत किसी मैखाने कीमुझे मदहोश होने को, तेरी झूठी चाय ही काफी होगी
तुम्हारा साथ तो छूट गया,बस एहसास न छूटा हमसे -
तुम्हारा साथ तो छूट गया,बस एहसास न छूटा हमसे