कोई रूठा है किसी से ,
कोई किसी को मनाने बैठा है।
इस शाम की महफिल में ,
हर कोई कही से हार कर बैठा है।
कोई इंतजार में है किसी के,
कोई किसी से बहुत दूर बैठा है।
इस शाम की महफिल में ,
हर कोई किसी से हार कर बैठा है।
कोई आज की खुशी में मस्त है,
कोई कल के गमों के साथ बैठा है।
इस शाम की महफिल में ,
हर कोई कही से हार कर बैठा है।
कोई थक चुका है किस्मत से लड़ कर,
कोई अपने कल की कहानी लिखने बैठा है।
इस शाम की महफिल में ,
हर कोई कही से हार कर बैठा है।
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