जब-जब ऐ दुनिया तेरे रीति रिवाजो से खुद को परेशान पाया।
तब-तब ऐ माँ तेरे आँचल में ही तो सुकुन पाया।।
यूं तो महखाने बहुत थे राहों में,
बस तेरे वो माथे को चुमने का ख्याल घर ले आया।।-
Pahadi Aadmi
Engineer Trainer Traveller Foodie
जब-जब ऐ दुनिया तेरे रीति रिवाजो से खुद को परेशान पाया।
तब-तब ऐ माँ तेरे आँचल में ही तो सुकुन पाया।।
यूं तो महखाने बहुत थे राहों में,
बस तेरे वो माथे को चुमने का ख्याल घर ले आया।।-
वो यू बेवजह बेवफा न हुई होगी
रात भर अश्क बहाये जिसके इन्तजार में
कोई तो वजह होगी कि उसने रुसवाई की होगी।-
जब जब भी जिदंगी को तबाह करने का जिक्र आया
तब तब तेरे इश्क मे फना होने का ख्याल आया।-
वो अश्क तो मेरा खुशियों से बैर
वो रुह तो मेरा बदन से बैर
वो नफरत तो मेरा इश्क से बैर
वो मौत तो मेरा जीवन से बैर
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वो जाम सी ढ़लक गयी तो मै क्या करूँ
वो मेरे इश्क सी अधूरी रह गयी तो मै क्या करुँ।
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आशिकी और शराब में बहुत अंतर है यारो
एक जीने नही देती एक मरने नहीं देती-