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अपनी शादी के हलफ़ को बाज़-औकात सुनूंगा
तुमसे किये उन वचनों को हमेशा याद रखूंगा
तुम्हारी हर वाजिब ख्वाइशों को पूरा करूँगा
तुम्हारी जरूरतों, खुशियों को तरजीह दूंगा
जीवनसाथी से ज्यादा एक दोस्त की तरह रहूंगा
मैं तुम्हारा हूँ, और हमेशा तुम्हारा ही रहूंगा ।।
तुम्हारे ज़िन्दगी के खास दिनों को,
हमारे खूबसूरत लम्हात को,
हमेशा एक अलग ढंग से मनाऊंगा
जब भी मौका मिलेगा,
रूमानी अंदाज़ में इश्क़ ज़ाहिर करूँगा।
तुम्हें तुम्हारे अपनो के करीब रखूंगा।
जैसे मेरे परिवार का ख्याल रखती हो,
मैं भी तुम्हारे परिवार का खयाल रखूंगा ।।
हो सकता है मैं कभी नाराज़ या गुस्सा हो जाऊं,
तब मुझे बस एक बार मेरा वादा याद दिला देना।
मगर किसी भी सूरत में हम बात करना नहीं छोड़ेंगे।
एक दूसरे के हालात को, जज़्बातों को समझेंगे
कोई गलतफहमी होगी तो उसे मिलकर दूर करेंगे।।
ना मैं अकेले पूरा हूँ, ना तुम अकेले पूरी हो
तुम्हारे बिना मैं अधूरा हूँ, मेरे बिना तुम अधूरी हो
मेरी ज़िन्दगी में तुम्हारा ओहदा बराबर का या मुझसे ऊंचा है
तुम सिर्फ मेरी पत्नी नहीं, अर्धांगिनी हो
अगर मैं शिव हूँ, तो तुम शक्ति हो ।
हाँ, तुम ही मेरी शक्ति हो ।।
और ये मेरा वादा है तुमसे....
-- गौरव मौर्य (22 May 2020)-
"मेरा वादा"
तुमसे पहले उठ कर तुम्हारे लिए चाय बनाऊंगा।
सुबह सुबह माथे को चूमकर प्यार जताऊंगा।
ऑफिस से घर जल्दी आकर तुम्हारे साथ वक़्त बिताऊँगा।
कभी शाम की सैर,
कभी बाहर घूमने, खाना खाने तो
कभी आमने- सामने बैठकर बस तुम्हें देखा करूँगा ।।
दोनों साथ-साथ खाना पकाते हुए बातें करेंगे,
एक दूसरे की किस्से-कहानियों को सुनेंगे,
अपने पूरे दिन की बातें साझा करेंगे ।।
जब कभी तुम ऑफिस से देर से घर आओगी,
तो मैं तुम्हारी पसंद का पकवान बनाकर
साथ खाने के लिए तुम्हारा इंतज़ार करूँगा।
थकी जो होगी तो पैर दबा दूंगा।
सरदर्द होगा तो सर की मालिश कर दूंगा।
तुम्हारे काले-काले गेशुओं को सवारूँगा ।।
तुम्हारी हर कामयाबी में शरीक होऊंगा।
तुम्हारी हर मुश्किल में साथ खड़ा रहूंगा।
तुम्हारी हर छोटी-बड़ी कोशिशों की तारीफ करूँगा।
कभी जो रूठोगी, तो प्यार से तुम्हें मनाऊंगा।
गर तबियत नासाज़ होगी कभी,
तो तुम्हारा चारागर बन रात भर जागूँगा ।।
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शिव सा प्रेम करने के लिए, सती सा इंतज़ार कर रहा हूँ।
मैं इस कलयुग में अपनी पार्वती का इंतज़ार कर रहा हूँ।।-
ना मैं अकेले पूरा हूँ, ना तुम अकेले पूरी हो
तुम्हारे बिना मैं अधूरा हूँ, मेरे बिना तुम अधूरी हो
मेरी ज़िन्दगी में तुम्हारा ओहदा बराबर का या मुझसे ऊंचा है
तुम सिर्फ मेरी पत्नी नहीं, अर्धांगिनी हो
अगर मैं शिव हूँ, तो तुम शक्ति हो ।
हाँ, तुम ही मेरी शक्ति हो ।।-
मेरे ज़हन में मुसलसल तेरा ख़याल आता है।
चाहे जिसे पुकारूँ, लब पे तेरा ही नाम आता है।।-
काश ऐसा हो जाए कि मैं तेरे पास आ जाऊं
बाहों में भर लूं तुझे, तेरा ख़याल रख पाऊं।
सफर में जब कभी लड़खड़ाए तेरे कदम,
तेरे पैरों को चूम के मैं तेरा साया बन जाऊं ।-
लाखों में एक होना जरूरी नहीं है
लाखों में एक का होकर रहना जरूरी है।
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उसके होठों की लाली है कैसी क्या कहूँ।
जैसे क़ातिल के खंज़र पे क़तील का लहू।।-