Gaurav Kumar   (गौरव कुमार)
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मैं एक कलाकार हूँ - कला मेरी काबिलियत है और कलम मेरी ताकत।
Joined 18 January 2017


मैं एक कलाकार हूँ - कला मेरी काबिलियत है और कलम मेरी ताकत।
Joined 18 January 2017
13 JUN 2021 AT 7:08

अंततः सभी से आग्रह हैं, एक बार सुबह की सूर्य की पहली किरण और लालिमा में चिंतन करें। क्या हो रहा हैं? मुझे कहाँ जाना हैं? कुछ चाहिए मुझे क्या? किसी को मुझसे दुःख तो नहीं पहुँच रहा। ऐसे अनगिनत सवाल है। इतना तो यकीकन कह सकता हूँ। सभी अपने जीवन में कई ऐसे पड़ाव हैं, जहां वो जो कर रहे हैं। उन्हें पता है, हम गलत है। पर वो रुककर सोचना और सुधार नहीं करना चाहते।

एक बार स्वयं विचार करें। - धन्यवाद!💐

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13 JUN 2021 AT 7:07

आखिरी उदाहरण, आपको कई गाड़ी मिलेगी जो आपको हर जगह का भ्रमण करा सकती हैं। लेकिन एक गाड़ी ऐसी होगी जो आपको घर तक ले जाएगी। वो जगह ही आपकी थकान मिटाएगी और सुकून देगी और अगर आप उसको भी "Skip" कर देंगे तो फिर आप जीवन भर भटकते ही रहेंगे। पता ही नहीं चलेगा। कहां जाना है? कहां ठहरना और क्या जीवन का आधार है?

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13 JUN 2021 AT 7:05

उपभोग की संस्कृति और तकनीक के सहचर्य के युग में मानवीय अपनत्व, करुणा, प्रेम, धैर्य, तटस्थता सब विलुप्त होता जा रहा हैं। इन सबके अभाव में हम क्या हासिल करेंगे? कहाँ जायँगे? क्या हमारा भविष्य होगा? पता नहीं।

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13 JUN 2021 AT 7:04

ऐसा क्यों जानते हैं, आप?

स्मार्ट युग का पूरा प्रभाव अब हम सबके जीवन में भरपूर देखने को मिल रहा। इसी का सीधा असर हर रिश्ते में, कैरियर में, शिक्षा में लोग जरा सी बात पर, असफल होने पर, मन-मुटाव होने पर "Quit" "Breakup" "Skip" "Move On" करना चाहते हैं। मतलब अब जीवन और शार्ट वीडियो देख रहे हैं, मिक्सअप हो गया है।

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13 JUN 2021 AT 7:03

अब मन मे आपके सवाल होगा कैसे ?

इस सवाल के जवाब में मैं एक उदाहरण देना चाहूंगा। क्या कभी किसी ने सोचा था कि तीन घण्टे की फ़िल्म से जहां कोई व्यक्ति प्रभावित नहीं होता था या उसको देखने से ऊबता नहीं था। उसके ठीक दूसरे तरफ आज 15 सेकंड के वीडियो से ऊब जा रहा कि वो इस कदर "Skip" "Next" "Quit" करके कहाँ जाना चाहता पता नहीं। बस भागता और भगाता जाता हैं। आज की पीढ़ी अब ठहरना, धैर्य के साथ समझना और अच्छे विचार को आत्मसात नहीं करना चाहते।

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13 JUN 2021 AT 7:01

ऐसा क्यों हो रहा?

इस प्रश्न का उत्तर मुझे लगता हैं, कि अब हम जिस परिवेश में हैं और जिस तरह का दिनचर्या और आदत हमें पड़ गया हैं। उसमें स्मार्टफोन और इंटरनेट की भूमिका 100 फीसदी है।

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13 JUN 2021 AT 7:00

आजकल के युवा पीढ़ी में "Quit" "Breakup" "Skip" "Move On" जैसे शब्दों का चलन बहुत ही तेजी से बढ़ता जा रहा हैं। ठीक इसके विपरीत सामंजस्य, सहिष्णुता, समन्वय के साथ आगे बढ़ने की बात व विचार कोई करना ही नहीं चाहता।

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13 JUN 2021 AT 6:58

आज के युवाओं में Quit" "Breakup" "Skip" "Move On" की लत।

छोटी सी कोशिश - स्लाइड सीरीज से कुछ संदेश देना है, प्रतिक्रिया अपेक्षित हैं।

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27 MAY 2021 AT 15:42

लोगों की धारणा है कि जिनसे हमारी दुश्मनी होती है, वो हमारे ऊपर अत्याचार करते हैं, लेकिन सबके जीवन कोई एक ऐसा भी होता हैं, जिनसे हम ज्यादा प्रेम करते है, वह ही सबसे ज्यादा अत्याचार भी करता है।

प्रेम करने से ही अत्याचार करने का अधिकार प्राप्त हो जाता है। अगर मैं तुम्हें प्रेम करता हूं, तो तुम को मेरी बात माननी ही पड़ेगी। मेरा अनुरोध रखना पड़ेगा। तुम्हारा इष्ट हो या अनिष्ट मेरी सहमति का मान रखना ही पड़ेगा।

हाँ यह तो स्वीकार करना पड़ेगा कि जो प्रेम करता है, वह आपको जान बूझकर ऐसे काम करने के लिए नहीं कहेगा जिनसे तुम्हारा अमंगल होता हो, लेकिन कई बार दो लोगों का मत एक जैसा नहीं होता।

इस तरह की स्थिति में जो कार्य करते हैं और उसके फल भोगी हैं। उनका यह संपूर्ण अधिकार है कि वह अपने मत के अनुसार ही कार्य करें।

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25 MAR 2021 AT 21:50

बनना तो ऐसे बनना कि अपने हिस्से आए जल , थल , नभ के ऋण से मुक्त हो सको...। टूटना तो टूटना ऐसे कि कोई टटोल ना सके तुम्हारे भीतर क्या क्या टूट गया है....!

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