कुछ ख्वाब अधूरे ,कुछ वादे टूटे
कुछ ख्वाहिशे ना मुकम्मल
कुछ रिश्ते बिखरे
कुछ लोग जुड़ गए
कुछ मंजिल बिछड़ी
कुछ सफर सुहाना
कुछ हकीकत ,कुछ फसाना
कुछ मिल गया ,कुछ खो गया
कुछ चल पड़े,कुछ रुक लिए
कुछ हस्ती,कुछ रुलाती
कुछ आधे अधूरे ,कुछ मुकम्मल
कुछ ऐसा ही होता है
जिंदगी का "सफरनामा"
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