इसलिए अपनी आँखो को नम करता हूँ मैं
तुझको कुछ भी अकेला करने नहीं दुगा,
जिसको भी चाहता हूँ दूर हो जाता है
पहले तू जुधा हुआ मुझसे
फिर मुझसे हुआ मैं ,
तुझको ही फूलना भी चाहता हूँ मैं और
तुझमें ही उलझा रहना भी चाहता हूँ मैं।।-
जिंदगी संवारने को तो पुरी जिंदगी पड़ी है साहब ,
वो लम्हे संवार लो जहां जिंदगी आज खड़ी है।।
कल तो आएंगे जरूर आएंगा ,
पर आज तो जीलो जो आज आया हुआ है।।
समय का पहिया भी बड़ा अजीब सा है ,
जो हर पल कुछ ना कुछ सीखा जाता है ।।
जिंदगी संवारने को तो पुरी जिंदगी पड़ी है साहब ,
वो लम्हे संवार लो जहां जिंदगी आज खड़ी है ।।
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जी चाहता है कि
उनसे प्यारी सी बातें हो ,
एक हसीन सा चांद
और बस एक ,
लम्बी सी रात हों
और फिर रात भर बातें ही हों।।-
एक गहरा मित्र : किताब
• किताब एक ऐसा दोस्त , जिससे आप जितना समय मांगोगे आपको उससे कहीं अधिक देंगी ।।
• किताब एक ऐसा दोस्त , जिससे आप जितनी महन्त करवाओगे उतना बडा उपहार देंगी ।।
• किताब एक ऐसा दोस्त , जिससे आप जितनी गहरी दोस्ती कर लोगों किसी ओर कि कमी नहीं होने देंगी।।
• किताब एक ऐसा दोस्त , जिससे ज्ञान आपको मिलेगा ,
पर समझदार आपका वातावरण होगा ।।-
लोग कहते है आप खफा नहीं हो मुझसे ,
पर मुझसे आपकी आंखों ने तो कुछ ओर कहा है।।
हाए उस वक्त को कोसू कि दुआ दू यारो,
जिस ने मेरे जीवन का कोमल रत्न छिन लिया।।
दिल का ये हाल कि धड़के ही चले जाता है ,
ऐसा लगता है कोई जुर्म हुआ है मुझसे।।
ऐसा लगता है बहुत गुस्सा हे मेरे लिए ,
में उस सजा के लिए भी तैयार हूं पर यु नराज ना हो यार।।
नहीं करूंगा तेरा ज़िक्र किसी से भी ,
पर कोई तुझे कुछ भी कह दे , केसे देख लु मुर्ख बन कर।।
यार एक गलती की इतनी बड़ी सजा मत दें ,
माफ नहीं कर पाऊंगा अपने आप को , कर रहा हुं इंतजार दिल में दर्द लिए।।-
आज इतना जहर पिला दो कि सांस तक रूक जाए मेरी ,
सुना है कि सांस रूक जाए तो रूठे हुए भी देखने आते हैं व बोलने की कोशिश भी करते हैं...!-
फिलहाल तो यूँ है, के कुछ कर नहीं सकते,
तेरे बिन ही मरना होगा, साथ मर नहीं सकते,
सूखे से पत्ते हैं एक टहनी पे लगे,
किस्मत तो देखो,
के झड़ नहीं सकते,
फिलहाल तो यूँ है, कुछ कर नहीं सकते।-
चांदनी चांद से आती है , सितारों से नहीं।।
महोब्बत एक से होती है , हचारो से नहीं।।-
मिलो हमसे तुम एक दफा...
कि बहुत कुछ कहना बाकी है...
दिल में मचल रहा है एक तुफां...
कि मेरा अभी किनारा पहुंचना बाकी है...
काफी अर्सा हुआ तुमसे बात किए...
कि नहीं रहा जाता आपके बिना एक पल भी दुर रहें...
किसी एक छोटी गलती से भुला दिया तुने मुझे...
मागता हु माफी यार आ जा आंखों में आसूं लिया बेठा हुं तेरे इंतज़ार में...
नहीं करता हूं अब जिक्र तेरा किसी से...
पर तुझको कोई कुछ कह दे केसे देख लु मुर्ख बन के...
कि मिलो हमसे तुम फिर एक दफा...
कि बहुत कुछ कहना अभी बाकी है...-