दगा दें
ये खून में कहाँ
प्यार करने वाले
पीछे हटा नहीं करते ।-
समझौता कैसे कर लूँ मैं ज़मीं पर रहूंगा ।
ONE DAY MY SIGNA... read more
एहसास उभरते हैं
कविताओं में
जब-जब तुमको
देखा करते हैं।
एहसास तुम्हें हैं
इन कविताओं का
रब जाने, लेकिन
हर शब्द तुम्हारे
एहसासों पर
बनते हैं ।-
ज़न्नत सी मुस्कान,
इबादत खुदा सी,
रंगत कुदरत सी
उफ़्फ़ एक तस्वीर के
इतने रंग-
यूँ न दफन करो जज़्बात अपने
कह दो सब अल्फ़ाज़ अपने
बैठे हैं बेसब्र होकर तुम्हें सुनने
गैर न समझो बेबाक बोलो
हम भी हैं तुम्हारे अपने ।-
हम तेरे शहर में रहते हैं मगर
तुझे खबर ही नहीं
और शहर तेरा पहचानता है मुझे
तेरी खुश्बू से ।-
बेइंतहा है प्यार हमको मगर
छूपाये रहते हैं दिल में उसे
लव पर रखते हैं खामोशियाँ
हाँ आंखें बयाँ करतीं हैं उसे ।-
क्षण क्षण
चलते समय को निकलने
मत दो
बंद कर लो इसे
अपनी मुट्ठी में
अपने भविष्य के लिए।-
दिल तो करता है
देखें
और बस देखते रहें तुम्हें
कि न आँखों से
न लव से कुछ
कहें तुम्हें
रखें तुम्हें अपनी आँखों में
और तुम्हारी तस्वीर हो
मेरी एल्बम में-