इश्क़ की फ़ितरत थी कि ये दिल उसका हो जाये दिल की फ़ितरत थी कि वो दिल उसका हो जाये सबकी फ़ितरत थी कि वो शख़्श उसका हो जाये.. बयां दिल जो फ़ितरत थी वो की ये मेरी मोहब्बत का गुलाब उसे क़बूल हो जाये..
तुझको पाया तो जैसे मैंने सब कुछ पा लिया तेरी सारी चाहतों को बस ख़ुद से अपना बना लिया.. खोना चाहूँ बस मैं तो, तेरी ही बाँहों में हरपल.. तुझको तो मैंने अपने जीने का मक़सद बना लिया...
मेरी आशिक़ी ,मेरी मोहब्बत ,मेरे जुनून का एहसास है वो.. मेरी हर इक शायरी में प्यार का इक इक अल्फ़ाज़ है वो, बसती है वो मेरे दिल❤️ में मेरी साँसों की तरह हरदम लोग जो देखें उस चाँद🌛 को, पर मेरे लिए इक खूबसूरत चाँद है वो👸😘 Love U My 🐼 G❤️A
माना कि इश्क़ ज़रा सा कच्चा है मेरा.. पर जो भी है वो बड़ा ही सच्चा है मेरा.. न कोई सिफ़ारिश न कोई सबूत चाहिए मुझको.. जो भी है मेरे लिए मेरा इश्क़ अच्छा है मेरा..