चलो अब ख़ामोशी से ही दिन बिताते हैं,
बहुत किये हल्ला,इश्क़ है इस बात का,
अब प्यार है, ये भी नहीं जताते है।
जो होगा नसीब में वो तो आएगा ही,
क्यू खामखाँ हम हर किसी को आज़माते है।।
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Wish me on 3 Oct💐
ये दुनिया ये महफ़िल मेरे काम की नहीं!!
आज फ़िर वो नज़दीक आ रहा है,
मोहब्बत के तमाम वादों से, फिर मुझे बहला रहा है।
अब हम उनसें दूर ही अच्छे है,
पर उनके एक इशारे से,
हम बहक जाएंगे ,ये डर भी हमें सता रहा है।।-
वो क्या हैं ना,
प्यार हो गया है आपसे,
वरना हमें चाह ले,
ऐसे भी हज़ारो है।।-
गुज़र तो जाती है रातें भी ,पर अब वो बात कहा।
बहुत बेक़रार,बहुत नासमझ होती है अब नींद, उससे वो मुलाक़ात कहा।।
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बिना इश्क़ के ही हमें खुद को सौपने वाले,
अब हमें ही दूर किए बैठें है।।-
कैसे मनाऊं मैं अपना वैलेंटाइन ,
मेरा अपना तो सो रहा है और कही.......-
शामें इश्क़ में मैने ,गुजारी बहुत है।
अकेला हूँ अब ,सबसे इश्क़ की बीमारी बहुत है।।-
हमनें शहर पर शहर बदला,
पर कभी न अपना घर बदला।
हर शाम बीती महखाने में,
चला आ रहा ये ही सिलसिला ... .-
आ जाती है नींद कैसे तुम्हें बिना बात किए.....
हमें तो नींद में भी तुमसे बात करनी होती है।।-