garima tiwari   (Garima tiwari)
287 Followers 0 Following

read more
Joined 2 June 2021


read more
Joined 2 June 2021
24 FEB 2023 AT 21:03

कभी अंधेरों से भी बात करनी पड़ती है
सदा रौशनी राहें नहीं दिखाती!!

-


26 JUN 2022 AT 20:32

I love darkness
It has challenges as well as
Ray of changes

-


5 APR 2022 AT 22:13

सहर तो शाम के ख्याल में रही
और....
शाम किसी ख़्वाब की तलाश में रही!

-


4 APR 2022 AT 9:24

बहुत मुश्किल है किसी एहसास को शब्द देना
रिवायत चुप रहने की हो जहाँ, वहाँ कुछ कह देना!

-


1 APR 2022 AT 23:29

पहली कविता भी हमने सपनों पर लिखी थी और आज भी कविताओं में उसी का असर है
बस फर्क इतना है कि......
कल ख्वाबों के मुकम्मल होने की दुआ थी तो आज बिखरन को समेटने की!

-


30 MAR 2022 AT 22:05

ख़ुद ही लिखती हूँ....
ख़ुद ही पढ़ती हूँ.....
सपनों के ताने-बाने
तन्हा ही बुनती रहती हूँ....

और भरोसा एक वहम था
प्रेम को अपमानित पाया है
उम्मीदों के सागर को....
इन आँखों से बहता पाया है!!

उसी राह से गुजर रहा है
मन जाने क्यूँ ठहर रहा है?
धूप सफ़र में बहुत है फिर भी
शूलों को ख़ुद चुन रहा है!!




-


27 MAR 2022 AT 15:15

तुम रहती हो तटस्थ जब मेरा मन भी डिगने लगता है
तुम मुझसे भी ज्यादा अच्छी हो अक्सर लगने लगता है 🤍

-


27 MAR 2022 AT 8:30

दर्द इतना मिला कि हंसना सीख गए
चोट इतनी मिली कि चलना सीख गए
सफ़र हमारा कुछ यूँ ही रहा
दबाया गया इतना कि लब कहना सीख गए।।

-


26 MAR 2022 AT 19:54

आँसुओं के सिवा कोई कुछ न दे पाया
मुझे अपने मिले अपनापन न मिल पाया।

मेरे नजरिये से सब परेशान बहुत हैं
अपने तख़य्युल को कोई जरा न बदल पाया।

शिकायतें करना हमने छोड़ रखा है
और खामोशी की गूंज कोई सुन न पाया।

-


23 MAR 2022 AT 10:34

चमकती आग की लपटों में कुछ धुआँ धुआँ सा लगता है
रोशनी कितनी भी हो कुछ बुझा बुझा सा लगता है!!

-


Fetching garima tiwari Quotes