Garima Saraf   (Garima Saraf)
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Joined 5 April 2019


Joined 5 April 2019
25 JAN AT 20:35

वक़्त बदलता रहता है
अँधेरी रात के बाद ही तो सवेरा होता है
यह वक्त भी बीत जाएगा
तुम्हारा सुनहरा कल फिर लौट आएगा

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20 JAN 2022 AT 1:54

तुम्हारा साथ हो तो..
ये अनजान राहें भी अपना हाल बयां करती है
इन राहों पर बिखरे सूखे पत्ते भी खुशी से झूम उठते है
ये हवाएं जैसे हमें कहीं और ही ले जाना चाहती हो
ये सफर मंजिल से भी खूबसूरत लगने लगती है

साथ तुम्हारे आसमान को छूना तय है
साथ में देखे हर सपने को हकीकत बनाना तय है
साथ तुम्हारे हर कदम चलना तय है
साथ तुम्हारे खुशियों की सौगात आना तय है

साथ तुम्हारे सब कुछ खास है
अगर तुम्हारा साथ हो तो हर खुशी मेरे पास है
तुम्हे यूं मुस्कुराते देखना जिंदगी का सबसे खूबसूरत एहसास है

साथ तुम्हारे जिंदगी का सफर यूं ही कट जायेगा
साथ तुम्हारे सातों जन्म का प्यार इसी जन्म में मिल जाएगा...

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23 APR 2021 AT 3:21

जब तुमसे मुलाकात होगी
चांदनी रात होगी
तारों की बारात होगी
आंखों ही आंखों में बात होगी
घनघोर बरसात होगी
बेशक वो लम्हे यादगार होगी

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23 APR 2021 AT 3:12

अब न तुझसे प्यार है,
और न तेरा इंतज़ार !
अब न मोहब्बत का इजहार है,
और न तुझपे ऐतबार !
अब न तेरे लिए दिल बेकरार है,
और न वो तकरार !

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20 APR 2021 AT 0:14


सोचा था तुम हमदर्द बनोगे
मेरी हर खामोशी को समझोगे
पर तुम तो बेदर्द निकले
मेरे अल्फाज़ तक न समझ पाए


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17 APR 2021 AT 19:29

मुझसे पूछ तो लेते
एक बार मेरी आंखों में देख तो लेते
सोचा न था यूं बदल जाओगे तुम
यकीन न था इतने खुदगर्ज निकलोगे तुम

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17 APR 2021 AT 19:01

एक कप चाय मिल जाए
तो दिनभर की थकान मिट जाए
ये जहां खुशनुमा बन जाए
दिल को सुकून मिल जाए
ये चाय बिल्कुल तुम सी है
इसे जरूरत समझने की भूल ना करे
ये तो अब बेशुमार चाहत बन चुकी है

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17 APR 2021 AT 0:31

चांद के आइने में
हर रोज तेरा दीदार करता हूं
तुझे घंटों निहारता हूं
तुझसे ढेरों बातें किया करता हूं
जाने कब तुझसे मुलाकात होगी
जाने कब फिर वो बरसात होगी

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16 APR 2021 AT 23:49

तुम जो आओ तो
जीवन की सारी खुशियां मिल जाए
तुम जो आओ तो
मेरे सारे गम मिट जाए
बस तुझे एक टक निहारती रहूं
तुझपर बेइंतेहा प्यार लुटाती रहूं

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15 APR 2021 AT 23:50

"तुम नहीं आए"

तुम नहीं आए
फिर भी मैं इंतज़ार करती रही
आंखों से गिरती मोतिया बटोरती रही
मुझे विश्वास था कि तुम जरूर आओगे
यूं अकेला तन्हा छोर कर नहीं जाओगे
पर तुमने तो मुर कर देखा तक नहीं
साथ बिताए पलों के बारे में सोचा तक नहीं
मैं घंटों तुम्हारा इंतज़ार करती रही
दूर दूर तक निगाहें दौराती रही
टूट गई मेरी सारी उम्मीदें
बिखर गए मेरे सारे सपने
अब नहीं रहा खुद पर विश्वास
जाने कहा खो गए वह एहसास

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