यूंही बैठे रहो हाथ थामे
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जो लोग सबके राजदार होते हैं ना ,
वो असल में किसी के राजदार नहीं होते....-
जीवन ही नहीं ठहरा.... अब तो समुद्र भी ठहर गया है,
इंतज़ार दोनो को अब... सिर्फ़ ज़िंदगी का है।-
कभी कभी जीवन इतना शांत होता है कि
घड़ी की टिक टिक भी साफ सुनाई देती है,
और कभी कभी मन में इतना शोर होता है कि
साथ बैठे व्यक्ति की चीख भी नहीं सुनाई देती...-
कभी कभी लगता है जीवन भोर के चांद के जैसा हो गया है जो अधूरा भी है तन्हा भी है और जिसे सूरज के उगने से अपना अस्तित्व खोने का डर भी है........
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अच्छी लडकियां जिद नहीं करती चांद खिलौने को पाने की,
क्योंकि उन्हें पता है हर किताब के पन्ने पर लिखा है उनके लिए एक शब्द-असंभव....-
मैं चाहकर भी छुप नहीं सकती,
इस दुनिया की भीड़ में.....
शायद अपने किस्म की इकलौती हूं मैं...-
एक स्त्री होती है आदर्श तब तक ,
जब तक वो नहीं करती विरोध,
जब तक वो नहीं उठाती अपने लिए आवाज ,
जब तक वो सुनती है गालियां,
जब तक वो मांगती नहीं अपना अधिकार,
जब तक वो देती नहीं पलट के जवाब,
जब तक वो चुपचाप सहती है खुद पर हुए जुल्म,
किन्तु जैसे ही वो बोलती है खुद के सम्मान के लिए,
तब हो जाती है समाज के लिए कलंक....
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