उन संगीत के धुनों को सुन कर
आप खोए जा रहे थे
हर एक पल जो मुझे देखे जा रहे थे...
कुछ तो था उस पल में
जो आप बुने जा रहे थे...
शांत होकर बस
यूं आप रोए जा रहे थे..
चहल पहल तो था घर में
पर फिर भी कुछ कमी थी
सबके बीच होते हुए भी
बिल्कुल तन्हा थे आप...
जिसे आप ढूंढ रहे थे..वो
सामने तो था..पर पास नहीं था...
क्या अजीब जिंदगानी है ....
जिसके सबसे ज्यादा पास रहना
चाहते है...वही सबसे ज्यादा
दूर चला जाता है.....-
मुझे नहीं पता तू मेरा हमराह बनेगा
या बीच सफर में छोड़ जाएगा...
पर जो भी पल मिला
तुझ संग बीतने को
वो पल बहुत हसीन था...
नहीं पता ..आगे का सफर
तू रहेगा
या फिर अकेले जीना है।
तेरा मुझे यू हर पल देखना..
हर बात पर मेरे तारीफ करना..
पता नहीं...वो कितना सही था।
मेरे सारे बातो को मान जाना;
बिना किसी सवाल के..
पता नहीं..वो कितना सही था।
मेरे हर गुस्से और नाराज़िगी को;
चुप चाप सह जाना।
पता नहीं..वो कितना सही था।
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तेरे खुशियों की... दुआ मांगी है
तू सलामत रहे ... दुआ मांगी है
गम न आए तेरे पास... दुआ मांगी है
अपनी मुस्कान बिखेरे... दुआ मांगी है
तुझे अच्छा मित्र मिले... दुआ मांगी है
जीवन में बेहतर साथी मिले...दुआ मांगी है।
तेरी हर ख्वाहिश पूरे हो... दुआ मांगी है।
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हर तरफ ढूंढा तुझे
नज़र ना आया तू कहीं
हैरान...परेशान होकर
थक हार कर बैठ गया
सहसा मेरा ध्यान शीशे
पर गया....
चेहरे पर यू ही मुस्कान दिखी
जिसे मैं बाहर ढूंढ रहा...
वो मेरे अंदर ही समाया हैं...
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मुश्किलों से घिरी हूं मैं
हर तरफ अंधेरा है
प्रकाश के इंतज़ार में
ज़िंदगी अकेला है।
मौन यू ही रह कर
ज़िंदगी को जीना है
थोडी असहजता के साथ
ज़िंदगी में मुस्कुराना है।
कौन यहां ख़ुश है.....
जो तू अफसोस करता है
मुस्कुराने के वजह
खुद ही खोज कर लाना है।
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नई सुबह,नई किरण
नई प्रभात लेकर आती है।
सूरज की किरणों से
चिड़िया रोज चहचाती है।
हर रोज कुछ नया करने का
स्मरण हमें कराती है।
नई सुबह, नई किरण
नई उमंग लेकर आती है।
जिंदगी के नए अनुभवों
से परिचित हमें कराती है।
नई सुबह ,नई किरण
नई उम्मीदें लेकर आती है।
ज़िंदगी के खट्टे - मीठे
यादों को सजाती हैं।
नई सुबह, नई किरण
नई प्रेरणा लेकर आती है।
जिंदगी में सतत् बढ़ने को
यह हमको सिखलाती हैं।
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चेहरे पे मुस्कान लाकर
कुछ तो छिपा रहे हो,
क्यों जनाब!
मुस्कान के पीछे
दर्द को छिपा रहे हो !!!-
काबिल इंसान,
प्रगति के राहों पर
चलना हमें सिखाया,
बुद्धि की करुणा व
रागरंजीत मधुर दृष्टि से;
जिंदगी की वास्तविकता बताई।
मेरी अध्यापिका,
एक ऐसी विशेष्य हैं
जिनके लिए कोई भी
एक विशेषण
नाकाफी प्रतीत होता है!!!!
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सफलता को पाना.
खुशियों को पाना.
अपनों को पाना.
सपनो को पाना.
शोहरत को पाना.
मोहब्बत को पाना.
चाहते तो सब है.
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तुझे चाहना मेरी फितरत है,
तुझे देखना मेरी तमन्ना है,
तुझे सोचना मेरे जरूरत है,
तुझे जीना मेरी ख्वाहिश है,
तुझे पाना मेरी आशिकी है,
इस जहां को भूल कर
तुझमें समा जाना
मेरी बंदगी है!!!!-