“Many shall be restored that now are fallen,
and many shall fall that now are in honor.”
HORACE—ARS POETICA.-
त्याग चरित्रित सित राम
लोभित मन चित रावण
लोभित रावण नित जले
त्यागी राम सदा आदर्शित भवे!-
बचपन प्रबुद्ध, जवानी शुद्ध और बुढ़ापा सिद्धि
प्राप्त करने में खपाना चाहिए।-
"People can see only what is in your Hand, not what in your Head.
But your life is what have in your Head, not in Hand"-
"परिवर्तन जीवन का अपरिवर्तनीय क्रम हैं"!
"Change is the Unchangeable Law of Nature"!!
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जहां उच्च निर्णय
करने होते है!
वह समय अवधि
बहुत अल्प ही होती है!!-
जैसा दर्द होता है, वैसा मंजर होता है!
मौसम तो इंसान के अंदर होता है!!-
गीता में कृष्ण बार-बार अर्जुन से यश और कीर्ति, यश और कीर्ति की बात करते हैं। वो कहते हैं कि - "अर्जुन, देख, जो सही काम करता है, उसको ही यश मिलता है," और कई जगहों पर कहते हैं, कि -
"जो आदमी सही ज़िंदगी जीता है,
वही कीर्ति का भोग करता है।
उसको ही प्रशंसा और
सम्मान मिलते हैं"।-