आईना था ।वो अंतरात्मा का छिपते छिपाते बोलता गया।
गलत है तू मगर, निहित अहम के परिवेश के आगोश मे,
होश स्वयं के सोखता गया । आईना था वो..........-
gajju the
(Kg gram)
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जब वक्त साथ देता है तो बन्दा हर किसी को मात देता है।
Joined 1 April 2019
29 APR 2022 AT 12:02
3 JAN 2022 AT 0:53
हाँ नही आती लोगों कि चालाकियों मुझे समझ ।
समझ के यूँ ही दिल जीत लेते है लोग मुझे नासमझ ।-
12 NOV 2021 AT 18:14
ख्याबों की एक बस्ती थी ,
जहाँ एक छोटी सी जिन्दगी बसती थी ।
आज सपनो के शहर मै है ।
जहाँ हर तरफ कहर है।😐
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28 MAY 2021 AT 14:07
लिख दूँ तेरे नाम ए जिंदगी, बन कर तेरी आबाज प्रिये।
सवरे है मेरे काज सारे, बस तेरी ही आबाज के सहारे।-
11 MAY 2021 AT 23:36
बहती गंगा मै जो ज्यादा हिलोरें मरता है
सबसे पहले वही किनारे लगता है ।
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17 NOV 2020 AT 17:02
जीवन का एक पहलू ऐसा भी होगा । सोचा नही था।
नही पता आज है तो कल भी होगा । ऐसा भी होगा-
14 NOV 2020 AT 20:29
जीने मरने का इतना सा ही फांसला रहा है ।
जिया तो परिवार के लिये मरा तो खुद के लिए ।-
15 SEP 2020 AT 11:21
सहमे कदमो से कदम रखा ।
सदमों को सहते आगे बढ़ा ।
साल दर साल निकलते गए ।
सांसो को थामे ये समय भी निकल गया ।
समय का फेर बदल गया ।
सही जो था वही राह निकल गया।
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