Gajendra Kr. Jha   (GK)
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Joined 11 May 2018


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Joined 11 May 2018
8 SEP 2021 AT 22:12

बात मुकद्दर की है सारी
वक्त का लिक्खा मारता है
कुछ सजदों में मर जाते हैं कुछ को सजदा मारता है

सिर्फ हम ही हैं जो तुझ पर पूरे के पूरे मरते हैं ।
वरना किसी को तेरी आंखें,
किसी को लहज़ा मारता है ।
दिलवाले एक दूजे की इमदाद को खुद मर जाते हैं
दुनियादार को जब भी मारे दुनियावाला मारता है
शहर में एक नए कातिल के हुस्न-ए-सुखन के बलवे हैं
मुझसे बच के रहना, शेर सुना के बंदा मारता है ।

मन जिस का मौला होता है
वो बिल्कुल मुझ सा होता है ।

तुम मुझको अपना नहीं कहते 
कह लेने से क्या होता है ?

अच्छी लड़की ज़िद नहीं करती
देखो इश्क़ बुरा होता है ।।

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3 JUL 2021 AT 9:29

कहने को यूँ तो बहुत हसीन चेहरे देखे हैं मगर ।
किसी से इश्क हो जाना तो, खुदा की मर्ज़ी होती है ।।

- अज्ञात

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14 APR 2021 AT 8:40

मानता हूँ खामियां बहुत हैं मुझमें,
मगर तू एक बार कह के तो देखती,
अगर मैं बदल ना लेता खुदाको, फिर कहती !
मानता हूँ कमियां भी बहुत हैं मुझमें,
मगर तु एक बार टोक के तो देखती,
अगर उन्हें सुधारने की कोशिश करके बदल ना लेता खुदको, फिर कहती !
मानता हूँ की गलतियां भी करता हूँ बहुत,
मगर तू एक बार गलतियां मेरी बताकर तो देखती,
अगर वही गलती करता मैं फिर से, फिर कहती !
हाँ तूने कहा है की तुझे पसंद नहीं हूँ मैं,
मुझे सीधा सा बोलके देखती, फिर कहती !
तूने कह तो दिया की मैं तेरे लायक नहीं,
अगर तेरे साथ कभी कुछ गलत किया हो, तो कहती !
तूने ये भी कहा है की परेशान रहती तू मेरे साथ उम्र भर,
अगर मेरा हाथ थामती, और चार कदम पैदल चलकर देखती, फिर कहती !
मगर इक बात ये भी जान ले की औरो जैसा नहीं हूँ मैं,
जो भी करता हूँ पूरी सिद्दत से करता हूँ,
इश्क हो या फिर नफ़रत,
अगर ना करता, फिर कहती !
बिना कुछ समझे इतना कुछ कह दिया तूने,
मगर पहले समझती मुझे, जानने की थोडी सी कोशिश करती, और फिर कहती !
वक़्त का तकाज़ा ये कि,
मेरे रिश्ते या तो बनते नहीं,
और झूठे लोगो के साथ कभी रुकते नहीं
तू एक बार मुझसे सच बोलकर देखती,
फिर कहती !
तूने अपनों में गिना हि नहीं मुझे कभी,
मेरी तरह तू भी एक बार निस्वार्थ अपना समझके देखती,
फिर कहती ।।

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15 MAR 2021 AT 0:40

If you are trying,
for whatever the reason is and whatever you want !
I think that's enough.
Because many of us don't even try.

and yes ! I tried, I am trying and I ll always try, whatever the result would be.
that's enough for me.

😊🙏🏻

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20 JAN 2021 AT 21:51

बाकी सब तो ठीक है ।
मगर
तुम्हारी यादों का क्या करूँ ?
कमबख्त रोज आ जातीं हैं ।।

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10 JAN 2021 AT 21:10

शराफत सिर्फ दिखावे की होती है ।

असल में इतना शरीफ होता नहीं कोई ।।

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5 JAN 2021 AT 17:43

The art belongs to
your soul,
and the indication of
your nature.

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5 JAN 2021 AT 17:22

Creativity is the thing
which keep me far from
negative thoughts
and
negativity.

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24 DEC 2020 AT 9:01

लोग अल्फाज लिखते हैं,
और मैं अपने जज्बात लिखता हूँ ।।
इसलिए,
लोगो की ख़ुशी के लिए,
अपनी ख़ुशी का त्याग करना सीखा है मैंने ।।

क्यूंकि कहीं ना कहीं जज्बात समझता हूँ मैं ।।

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22 DEC 2020 AT 14:35

उसे वो पसंद थी,
और उसको चाय बहुत पसंद थी,
जहां तक रही बात मेरी,
मेरी तो तीनो से ही ठीक बनती थी ।।
मगर बात जब उसकी खुशी की आई,
तो मैने उसकी खुशी के लिए,
उन दोनो के साथ चाय भी छोड दी ।।
और सुनने मे आया है,
आजकल बहुत खुश भी रहती है वो ।।

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