रे मेरा रूठ गया परदेशी, ये अँखिया क्यूं रोई।
तु ता सबने नाल हसदा हैं, ते फिर मैं तेरी क्यूँ होई।।। 💕-
G verma
(Geeta Verma(शायराना G ✍))
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Addicted to शायरी 📝
Joined 6 October 2017
13 JAN 2022 AT 23:17
9 NOV 2021 AT 21:01
न दोस्त बचा न दोस्ती, और न बचा हैं वक़्त।
ये कैसी दुनियाँ हैं?
जहाँ लोग मार के अपनी भुक, रोटी कमाने जाते हैं।।
जिनके के लिए कमाते हैं, उन्हीं को देखने क लिए तरस जाते हैं।।
ये कैसी दुनिया हैं? जहाँ
अपना वक़्त दे कर भी बेवक़्त कहलाते हैं।।
फिर भी मुस्करा 😊 के कह जाते हैं, हम तो रोटी कमाने जाते हैं।।
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9 JUL 2021 AT 0:03
न जाने क्यूँ तुम खुद को बारिश और मुझे दिल्ली समझती हो,
तभी तो यूँ रूठी रहती हो।।।।
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29 MAR 2021 AT 0:09
रंगो का बाजार होगा,
होली का त्योहार होगा।
मिलेंगे जब हम और तुम,
देखो क्या कमाल होगा।।
#HappyHoli2021-
17 FEB 2021 AT 22:36
यूँ तो मुझे मुस्कुराना नही आता, लेकिन
तुम्हे याद कर लिया करती हूँ।
जब भी कैमरे के सामने खुद को पाती हूँ।।-