तेरा मेरा साथ रहे,
खुशियों की सौगात रहे।
दूरियां चाहे जितनी भी हो,
एकदूजे पर विश्वास रहे।
आंखों से छलके ना आंसू कभी,
होठों पर सदा सच्ची मुस्कान रहे।
जब भी मिले हम सालों बाद,
हर पल एक दूजे की कमी का एहसास रहे ।-
स्त्री से सिखा,
सहना, चुप रहना, अनदेखा करना ।
और फिर अहसास हुआ,
कितनी पीड़ा हुई होगी उसे
कितना बुरा लगता होगा उसे,
इस दबाव घुटन भरी जिंदगी जीने में।-
सोचा नहीं था ऐसे भी दिन आएगा...
जब स्कूल में मैडम ,10 पन्नो में कोई सबक लिखने को बोलती थी,
हम थक जाते, बोर हो जाते थे ।
ओर वहीं आज हम सब दिन भर फोन पर लिखते नही थकते ।
जिसको चैटिंग कहते है उसपर घंटो बाते चलती रहती है।-
आंखे भर आती है,
ज्यादा खुशी मिलने से,
आंखें भर आती है,
दिल टूट जाने से।
कभी भी साथ नहीं देती
हमारा ये आंखे,
जिसे छिपाना चाहे उसे ही
जाहिर कर देती है
ये जमाने में।
बह जाता है
किनारा तोड़ कर
आंखो का ये समंदर
रोके नहीं रुकता,
जब किसी अपने से
बिछड़ जाने से।-
हुस्न 2 पंक्तियों में
हुस्न पर फिदा दुनिया सारी,
कुछ लूट गए, बर्बाद हुवे, कुछ छोड़ गए दुनिया दारी।-
अकेलापन दो पंक्तियों में
मायूसी के गहरे समंदर में,
यादों की नाव पर सवार हुआ जैसे कोई ।-
म्हारी खुसी हो थे,
म्हारे गम को कारन कोनी बनो।
प्रेम में तो दुखों को पहाड़ भी झेल जाऊं,
पर गम में तो थाके ही भूल जाऊं।-
पर्वत के पार
मेरा एक छोटा सा गांव है।
जहां मिलजुल कर रहते सब है।
नदिया, हरियाली और पंछियों का शोरगुल है ।
सुबह, शाम दोनो मेरे आंगन मे खिलती,
फूलों की खुशबू और साफ हवा बिना पैसे यहां मिलती ।-
मोहब्बत के चर्चे, अब आम होने लगे
हर कोई गलियों में बदनाम होने लगे।
पत्थर भी खाए कभी लैला मजनू ने,
ओर आज मुहब्बत में कतले आम होने लगे ।-