पुछ रही ही थी के किसकी निगाहों में बसता है ईश्क का समंदर,
के ऐन वक़्त पर उसकी आँखों का मेरे नज़रों से गुज़रना हुआ।-
𝗦𝗺𝗶𝗹𝗲😊
नहीं उतरेगा कर्ज़,जो बदले अश्कों के दिऐ,
ऐ मुस्कुराहट तुझसे माफी की तलब है!!
ब ख़ुबी जानती है ,अपने दस्तक का वक़्त
ऐ मुस्कुराहट तुझमें तो बेतहाशा अदब है!!-
साहिल तलाश नहीं करती वो बे परवाह कश्तियाँ,
गुज़ारा हो वक़्त जिसने, तलातुम की आगोश में!!-
मैंने लफ़्ज़ों में ख़ामोशी का इंतिखा़ब किया,
है कोई शोर इसके मिस्ल तो बताए मुझे!!-
थोड़ा बद मज़ा, थोड़ें तल्ख़ है नवाले इसके
फिर भी ये दर्द रब की नेमत है,
कुछ मुरझाए से गुल,और बहुत से खार इसमें
फिर भी ये चमन रब की रहमत है!!
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है स्याह रातें उसके दुआओं से रौशन
जैसे माँ में सितारे क़याम करते हो!!-
है तलब के अश्कों को शऊर हो,मेरे क़हक़हे को तमीज़,
जो हर बात पर ना बह जाए, ना अनकहे को कह जाए !!
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चाहतों के बाज़ार में एक
तस्वीर टंगी थी,
खरीद ना सकीं
महंगी बहुत थी,
मगर उस पर लिखे लफ्ज़
सुकून का असासा थमा गया,
बहुत से अज़ीयतों के
कै़द से रिहाई दिला गया,
लिखा था,
"सब खाक़ है, सब ख़ाक में उतर जाएगा
देखते देखते यहाँ सबकुछ गुज़र जाएगा,
ये नुमाइश का कस्बा भी बिखर जाएगा!!-
हैं बे असर उम्र की तल्ख़ियाँ तबसे,
सोहबत दिल की सब्र से हुई है जबसे!-
लज़्ज़तें ग़म से ख़ुद को आशना कर के;
मुस्कुराहटों के ज़ाएके संभाल रखा है
ख़फ़ा हो कर भी तु रस्ते नहीं बदलती,
ज़िन्दगी तुने अपने ज़र्फ़ कमाल रखा है!-