Firoz Makwa   (Firoz makwa)
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Joined 20 March 2021


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Joined 20 March 2021
26 NOV 2023 AT 21:03

मेरा जन्म किसी की तकलीफों का सबब बना था।

उसका सजना सवरा तब बद पड़ा था।
दुनिया में जब मे आया था।

मां तेरा धन्यवाद तेरी वज़ह से मेरे पिता को उसका वारिश मिला था।

मेरे जन्म पे मेरे परिवार ओर रिश्तेदारों को विजय नाम का तोहफ़ा जो मिला था।

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21 NOV 2023 AT 23:28

रुलाके हमें तु हंस रहा है।
हमे देखके कयु हसता है।

हम हारे है world cup भले
अपने वतन की नजरों नही हारे है।

जो तु मुझे ऐसी नज़रों से देखता है।
चाहता है देश हमे हमेशा चाहता रहेगा

अगला world cup INDIA ही जितेगा।
चकदे INDIA 2027 मे INDIA I LOVE INDIA

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19 NOV 2023 AT 1:06

मेरी आंखों का कमाल देखो।
ग़जा को मारता इस्राइल देखो।

मे खुद को कहता हु विश्व गुरु।
एक का पक्ष लेता हुआ मुझे देखो।

मेरे चस्मे का नबर दुर का है।
मेरी आंखों से जलता मणिपुर ना देखो।

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18 NOV 2023 AT 23:32

जिसको पसंद नहीं नाम I.n.d.i.a
उसके नाम के स्टेडियम मे गुंजेगा नाम

INDIA INDIA INDIA INDIA
World Cup जितेगा INDIA

जितेगा INDIA ज़श्न करेगा पुरा INDIA

भारतीय टीम को फ़ाइनल मैच मे बेटीग बोलीग & फिल्डिंग की सानदार हार्दिक शुभेच्छा

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2 NOV 2023 AT 0:37

ग़जा को रुलाके तुम रो रहें हो।
तुम इन्शान थोड़ी हो।
जो रो रहें हो।

७०००+बच्चे बूढ़े औरत ओर जवाह मारे
कितने चर्च मस्जिद होस्पीटल ढ़हाऐ

तुम तुम्हारे ११ जवान के मरने पे रो रहें हो।
तुम इन्शान थोड़ी हो जो रो रहें हो।

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12 OCT 2023 AT 11:32

नाराज़ उनसे खुद को कौन करे।
दुःख से नाता कौन जोड़े

देरी सभी से होती है आने मे
वज़ह जाने बिना उनसे रिश्ता कौन तोड़े

जब दोस्त कहां हो तुमने उसे
तो बे वज़ह का काम कौन करे।

हम तो ना करे ओर जमाने को हम कहें के
ऐसा काम हरगिज़ ना करे।

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10 OCT 2023 AT 14:49

यहां दरिंदगी भरी है सब के दिलो मे
यहां का मौसम ही ऐसा है।

मे कितना भी संभलना चाहु यहां
संभलना मुश्किल है।

क्युकी यहां का मौसम ही ऐसा है।

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9 OCT 2023 AT 11:44

जंग हो भरपूर हो
मासुमो की जान नहीं जानी चाहिए।

दुश्मन पे वार हो लगातार हो
औरतों पे अत्याचार नहीं होना चाहिए।

मर्द हो तो मर्दों की तरह जंग क्यू नही लड़ते हो
बच्चों ओर औरतों पर प्रहार नहीं होना चाहिए।

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5 OCT 2023 AT 17:44

हाथ मे कलम ओर कागज क्यू रखता है।
मेरे प्यार का हिसाब क्यु रखता है।
मौत आनी हे सभी को इस जहां मे
उसे किसीको मारने मे वक्त थोडी लगता है।

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23 SEP 2023 AT 23:32

नये संसद-भवन मे नऐ विचार नहीं आए।
सता पक्ष के सांसद पुरानी जुबान मे बोलते नजर आऐ

नई बोटल मे पुरानी शराब भरते नज़र आऐ।

नये संसद-भवन मे सता पक्ष के सांसद
नफरत की दुकान के product बेचते नजर आऐ।

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