Mohabbat ka isse badhkar saboot aur kya dein,
Ki apne Rabb se har roz teri baatein kiya karte hain.-
Writer. Poet. Lover.
Loves adventure and reading.
मेरी हस्ती में नहीं है बिन कोशिश के मिट जाना,
मुझे मसल के फैंक भी दो तो हाथों में खुशबु छोड़ जाता हूँ।-
'Trying to forget you' is an exercise that I indulge in everyday! — % &
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If you love what you do, if it inspires you, if it takes you one step closer to your goal, then the number of hours you put shouldn't matter at the end! — % &
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गर्द से उठकर खुद को खड़ा करना जानते हैं।
तूफान में डर कर भी कश्ती को किनारा करना जानते हैं।
सर पर किसी का हाथ लिए नहीं चलते,
रब के सजदों में गिर कर पाया है खुद को
दिल के टुकड़ों के साथ भी मुस्करा कर जीना जानते हैं।-
जिन्हें तेरे साथ गुज़ारने थे,
उन पलों को तेरी यादों संग गुज़ार रहे हैं .
रौशन होनी थी जिसे तेरी आमद से,
उस ज़िन्दगी को विरान शाम समझकर काट रहे हैं.
वो क्या जानें क्या ग़म है ये ग़म-ए-फुरक़त
बिखर कर भी खुद को टुकड़ों में सम्भाल रहे हैं.-
ये क्या नया साल - नया साल लगा रखा है,
उसके आने की कोई ख़बर मिली है क्या!-
Tere bina ye zindagi azaab to nahi.
Haan! Magar ab ise jeene me wo baat nahi.-
पस्त हुए, ख़्वाब टूटे, दिल छलनी हुआ तो क्या!
अभी क़यामत का मंज़र बाकी़ है, ख़ुदा से मुलाका़त बाकी़ है।
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