महज़ ख़ुद्दारी है इस्तिस्ना साबित करने में फ़िदाकारी मेरी,
और हुस्न उनको क्या चालसाज़ करे जिनको किरदार मुतासिर करते हों।-
Ferman Ali
(Ali Ferm@n)
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➡️ Meerut, Uttar Pradesh, India.
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Joined 11 August 2020
27 SEP 2024 AT 23:38
24 SEP 2024 AT 17:08
बैठा हूँ जो खामोश, ग़नीमत जानिए,
गर बादशाह जो उठे, फिर कोई बैठा नहीं रहता।
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16 APR 2024 AT 7:46
है इस बात पे नख़वत जो तुमसे हूं मुतासिर इतना,
वो एक शख़्स जो अब ख़्वाब में आए, सब मुकम्मल सा लगे है।-
8 MAR 2024 AT 12:53
बहुत कम है कि इन आँखो से कोई निकले आंसू,
एक वजह है जो मुझे अक्सर ग़मगीन करती है।-
7 MAY 2023 AT 14:49
I always prefer respect rather than love.
Love can make you subservient but respect will not.-
1 DEC 2022 AT 20:55
जिस उम्र में तुम चलते हो उठाकर एङियां,
उस दौर में किया है हमने और ज़्यादा एहतराम।-
21 APR 2022 AT 4:49
ज़िन्दगी के जो हैं मक़सद वो सब एक तरफ,
काश कोई कह दे एक दिन तुम लगते हो अपनी मां जैसे।-
22 MAR 2022 AT 10:14
परवाज़ जो करते हैं, शाखा छोड़ जाते हैं,
तूफ़ानो को ललकारना, हर परिन्दे को नही मयस्सर।-