धूप बेहाल है,नहाने पे सवाल है।
नींद बेमिसाल है, सब ठंडी का कमाल है।।-
आज अपने और पराए का पहचान हो गया
जो देते थे हमेशा ज्ञान उनका भी ज्ञान हो गया..!-
तुम बाढ़ बन जाना,
हम बिहार बन जाएंगे,
इस तरह प्यार के सैलाब मे डूब जाएंगे.!!-
मानो गम ही है दुनिया में सही
पर खुशियां भी कम तो नहीं
भले गम को मारो गम से ही
पर
खुश तो हो जाओ थोड़ा ही सही.!!-
वे जो स्वयं जल रहा हो अकेला तपन मे
उससे पूछो मीठी बात क्या है अधूरी रात क्या है
किसी का साथ क्या है...!!-
पल पल तुमको याद किया बनकर मैं बेगाना
काश
तू भी एक पल सुन लेता होकर बस दिवाना।।-
दिल ने उसे आज याद किया
जिसने दिल को बर्बाद किया
पर सामने ना कभी आए वे फिरसे
फिर दिल ने ही ऐसा फ़रियाद किया।।-
काश तू मेरे साथ होता
मेरे हाथों मे तेरा हाथ होता
खो जाते प्यार के सागर मे
यूही उम्र भर
काश ऐसे ही दिन और रात होता।-
नदी और जीवन
नदियों से पूछू या झरनों से पूछू
ये बहती क्यों सदियों से किससे मैं पूछू
ये पहाड़ो से निकलकर बनाती मैदान क्यों
ये मैदानों से पूछू या पहाड़ों से पूछू
ये बहती है कल कल चाहे बरसा हो बादल
क्यों ठहरती नही एक पल बस बहती है क्यों
क्या बहना ही है जीवन रुकना ही है मरण
फिर समंदर मे ये समाजाती है क्यों
ये समंदर से पूछू या नदियों से पूछू
ये ऐसे ही जीवन गीत गाती है क्यों..?!!
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