Feelingfile   (Feelingfile)
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Joined 7 September 2020


Joined 7 September 2020
19 DEC 2021 AT 8:58

धूप बेहाल है,नहाने पे सवाल है।
नींद बेमिसाल है, सब ठंडी का कमाल है।।

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7 SEP 2021 AT 16:26

आज अपने और पराए का पहचान हो गया
जो देते थे हमेशा ज्ञान उनका भी ज्ञान हो गया..!

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28 JUL 2021 AT 12:49

तुम बाढ़ बन जाना,
हम बिहार बन जाएंगे,
इस तरह प्यार के सैलाब मे डूब जाएंगे.!!

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17 JUL 2021 AT 23:29

मानो गम ही है दुनिया में सही
पर खुशियां भी कम तो नहीं
भले गम को मारो गम से ही
पर
खुश तो हो जाओ थोड़ा ही सही.!!

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14 JUL 2021 AT 9:33

वे जो स्वयं जल रहा हो अकेला तपन मे
उससे पूछो मीठी बात क्या है अधूरी रात क्या है
किसी का साथ क्या है...!!

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12 JUL 2021 AT 21:16

नैतिक मूल्य तभी लड़खड़ाते
जब समाज के सामने हम अंधे हो जाते।

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11 JUL 2021 AT 23:35

पल पल तुमको याद किया बनकर मैं बेगाना
काश
तू भी एक पल सुन लेता होकर बस दिवाना।।

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8 JUL 2021 AT 0:16

दिल ने उसे आज याद किया
जिसने दिल को बर्बाद किया
पर सामने ना कभी आए वे फिरसे
फिर दिल ने ही ऐसा फ़रियाद किया।।

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30 JUN 2021 AT 17:09

काश तू मेरे साथ होता
मेरे हाथों मे तेरा हाथ होता
खो जाते प्यार के सागर मे
यूही उम्र भर
काश ऐसे ही दिन और रात होता।

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27 JUN 2021 AT 13:44

नदी और जीवन
नदियों से पूछू या झरनों से पूछू
ये बहती क्यों सदियों से किससे मैं पूछू
ये पहाड़ो से निकलकर बनाती मैदान क्यों
ये मैदानों से पूछू या पहाड़ों से पूछू
ये बहती है कल कल चाहे बरसा हो बादल
क्यों ठहरती नही एक पल बस बहती है क्यों
क्या बहना ही है जीवन रुकना ही है मरण
फिर समंदर मे ये समाजाती है क्यों
ये समंदर से पूछू या नदियों से पूछू
ये ऐसे ही जीवन गीत गाती है क्यों..?!!

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