मैं जीतूंगी ताकि अपने पिता के,
संघर्षों पर एक सुनहरा पूर्णविराम लगा सकूं...
Prachi_somvanshi:)-
कभी कभी कुछ निर्णय अत्यंत कठोर होते हैं
परन्तु समय हमें वो निर्णय लेने पर भी मजबूर कर देता है
Prachi_somvanshi:)-
सब्र है क्योंकि सुना है,
वो कुछ छीन कर बहुत कुछ देता है...
prachi_somvanshi:)-
जब मैं अपने पिता की ओर देखती हूँ
तो मुझे अहसास होता है
कि यह आदमी
बहुत कुछ पाने का हक़दार था
और मैंने उनके लिए कुछ नहीं किया....
Prachi_somvanshi:)-
लोग हमें उतना ही अपनाते हैं,
जितना उनको हमारी ज़रूरत होती है..
Prachi_somvanshi:)-
जो कभी बस दोस्त था,
वो हमदम बन गया
न जाने कैसे ये गुल खिल गया
हर दुआ में नाम तुम्हारा आने लगा है
जो भगवान से भरोसा टूट गया था,
आज तेरी वजह से उनके करीब हूं
तू मेरा है ये भगवान ने विश्वास दिलाया....
तुझसे जब मिली थी तब लगा नहीं था
यहां तक का सफर है,
अब यहां तक हैं साथ, तो हमेशा बनकर रहने हमसफर
Prachi_somvanshi:)
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Alfaz
Khamosh lafjo ke piche ki kahani koi padta hai ki nhi
Mithe muskaan ke piche ke anshu koi dekhta hai ki nhi
Koi kuch nhi dekhta.......
prachi_somvanshi-
आईना तो अपने दिखाते है वो भी वास्तविक प्रतिबिंब
जो वक्त आने पर दिखता है कि लोगों के कितने रंग के चेहरे हैं
जो मतलब से बदलता रहता है वक्त वक्त पर......
Prachi_somvanshi:)-
गुस्सा भरा है मन में मेरे,
मगर निकालने का मन नहीं ,
ये कैसी उलझन है,
कहना कितना कुछ है मगर,
कहने को कुछ नहीं
Prachi_somvanshi:)-
Life
पता है जिंदगी में कुछ वक्त के बाद,
आपको ख़ुशी की जरूरत नहीं होती है,,,,,
आपको जरुरत होती है सुकून की¡
क्योंकि हम समझ जाते है
कि ख़ुशी लोगों पर और हालात पर निर्भर होती है,
और सुकून हालात और लोगों से परे होती है,,
और जब हम खुशी की तलाश छोड़ कर सुकून की तलाश करने निकल पड़ते हैं ना तब वहीं पूरा सुकून होता है.........
Prachi_somvanshi:)
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