रात के आईने में वो माज़ी की बाते
वो पिछले दिनों की बहोत सारी यादें-
वफ़ा का नाम भी निकला नहीं ज़बाँ से मगर
जाने किस बात पे वो हमसे ख़फ़ा हो बैठे-
जवानी के दिन और ये बेचैन राते
वो बिखरीं सी ज़ुल्फ़े हसीं उसकी यादे
अरे कौन बच पाए उनकी अदा से
वो मासूम चेहरा वो प्यारी सी बाते-
मेरे दिल को तसल्ली हो ज़बाँ पर नाम हो तेरा
हमारा अंत ऐसे हो, इसीका इंतेज़ार हैं-
Yahan pe Kaun aisa hai Gile Shikwe nahi Jisko,
Purane Rishte itni baat par Toota nahi karte.-
वक़्त निकल जाने से पहले दिल की बात बताता जा
मिलना ना भी हो क़िस्मत में पलभर साथ निभाता जा-
कल तक तुमने साथ निभाया आज फ़िर क्यूँ ग़ैर हो ?
मौसमों सा बदल रहे हो ख़ुदा करे सब ख़ैर हो-
कभी सहरा पे मरता हैं कभी दरिया पे मरता हैं
तअज्जुब है दिल ए कमबख़्त हर इक शह पे मरता हैं-
Jalaa ke Khaak kiya Aatishe Muhabbat ne,
Hamari khak bhi Ud kar Hawa me fail gai.-
Yunh Zindagi ki dod me Khud ko Bhula diya,
Kuchh Pal hi Sahi Pyaar ka Ehsaas to mile.-