اے میرے دل نا ترپ اس سنگدل کے لیے
اس کے لیے میں نہیں اس کی انا عزیز ہے۔
Ay mere dil na tarp us sangdil ke liye
Us ke liye mai nahi us ki ana Aziz hai !
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,,Ham dard likhte h Jazbaat likhte h ✍️
Apne dil ki awaaj likh... read more
MERE HAMSAFAR
Mere hamshafar mere hamkadam
Meri jindagi Mere ham nashi
Tum sath ho to ye jindagi
Khush rang khushagwar ho
Tere aagosh me mera din dhale
Meri har saans tujh pe nisar ho
Na talab mujhe hai mahalo ki
Bas tera pyar mera Jahan ho
Nayi jindagi ka aagaj tum
Tujhpe hi umre tamam ho
— Falak Aftab ✍️
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हमने पढ़ा है और सुना है लोग भी ये कहते हैं।
देश आज़ाद है मेरा हम आज़ाद देश में रहते हैं।
इस देश में बेटी को देवी स्वरूप भी कहते हैं।
जिस देश में भारत मां गंगा को भी मां कहते हैं।
उसी देश में बेटी की हत्या ही तकदीर बनी है।
कभी मां की कोख तो कभी चौराहे पर टंगी है।
हर घर में मेरे हत्यारे हैं सब को मेरा खून पीना है
हमे भी हक़ दो जीने का हमे भी खुल कर जीना है।
हर लम्हा मैं खौफजदा हूं हर पल दिल ये सहमा है।
घर से बाहर रखूं कदम तो मेरे माथे पर पसीना हैं।
✍️फलक
___Falak Aftab
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तुम्हारा साथ कहां मयस्सर था हमे।
बड़ी मुश्किल से दो पल दुआओं से मिला।
एक में तुम रूठे, दूसरा पल मनाने में गया।
تمہارا ساتھ کہاں میسّر تھا ہمیں۔
بڑی مشکل سے دو پل دعاؤں سے ملا ۔
ایک میں تم روٹھے دوسرا پل منانے میں گیا۔
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ہر شب مجھ پر کہر ڈھاتی ہے تیری یاد بن کر ۔
کوئی تو کہے ان سے میرا حال اضطراب جا کر۔
हर शब मुझ पर कहर ढाती है तेरी याद बन कर।
कोई तो कहे उनसे मेरा हाल ए इज्तिराब जा कर।-
हमने तेरी यादों को कभी क़ज़ा होने न दिया।
और तुम हो के गाफिल रहे मेरी मोहब्बत से।-
राह चलते हुए हर मुसाफ़िर को पलट कर देखा।
उम्मीद है मेरी यादें उन्हे कभी तो खींच लाएगी।-
हम लुत्फ लें न सके सावन के पहली बारिश की।
तेरी बेरुखी ने हमारे बीच कितने फासले बढ़ा दिए।-
شکایتیں اتنی ہے کہ تیرا دیدار نہ کروں۔
یہ کیسی کیفیت ہے کے منتظر بھی ہوں۔
शिकायतें इतनी है के तेरा दीदार ना करूं।
ये कैसी कैफियत है के मुंतजिर भी हूं।
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ये तेरी मीठी-मीठी बाते, दिल को मेरे अब भाती नहीं है!
कल जो दिए थे जख्म तुमने, दर्द अब भी जाती नहीं है!-