कभी जो उरूज पर था, अब अपने इख्तिताम पर है शायद
दिलों के ये खेल भी बड़े निराले हुआ करते है।-
Chalo Is Neki ko Hum Sab Azmate hai.✍🏻
इश्क़ की गलियों में ज़रा सोच के जाना
ऐ दोस्त
यहां से वापसी के रास्ते बड़ा मुश्किल से मिलते है।
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लबों पे सदा उसके रहती है दुआ
देती है दुआएं वो हमको शामो सुबह
निकलो जो घर से तो निकालती है सदका
रहकर वो घर में करती है हिफाज़त की दुआ
मां को सामने ना देखो तो आए ना चैन
खुदा मां की हिफाज़त करे जो है मेरे दिल का चैन।-
मैं उसकी गली में खड़ा अपने उदास दिल को कुछ यूं समझाता रहा
आएगी बहार तो मैं उसको अपने साथ लेता जाऊंगा।-
लफ़्ज़ों का पैमाना जब खाली हो जाए
बात जब दिलों की लफ़्ज़ों तक रह जाए
मोहब्बत का एहसास ही जब दिलों से निकल जाए
दिखावे की दुनिया में आखिर क्या क्या देखा जाए
सब यहां रंग मंच के खिलाड़ी है
मोहब्बत में खेलने का हुनर भी कहां से लेकर आए।-
हमें क्या पता था मोहब्बत क्या होती है
एक तुम मिली और ज़िन्दगी मोहब्बत हो गई।-
Such is Life, One Minute You're up, the Next You're Down.
Today You're Counting Your Loss,
Tomorrow the Almighty will Reward You With Huge Gains. Never Despair whatever Happens In life. He Will Remove People and Things From Us but he will also Replace them with What we Truly Need!-
आया है फिर से ईद का समा
डूबा है खुशियों में सारा जहां
कहकर अलविदा चल दिया फिर से रमज़ान
फिर से लौट आया वो पुराना कारवां
खुदा करे इस ईद की बरकत से
मिट जाए इस वबा (corona) का नामो निशां-
लुटाकर अपनी नेमतें सेहर-o-इफ्तार
जाने को तैयार है रमज़ान फिर एक बार
बढ़ाकर नेकियों की तादाद, देकर खुशियों की सौगात
अलविदा कहकर चला है रमज़ान फिर एक बार
करवाकर सबके गुनाहों को माफ और देकर ईद की सौगात
चला है दूर हमसे रमज़ान फिर एक बार
अलविदा माहे रमज़ान अलविदा।
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ना वो एर्तुगुल सी सखावत रही, ना हलीमा सी सादगी
मोहब्बत भी वक़्त के साथ साथ बदलती चली गई।-