#Bimari
Is Duniya me aksar log bimar hain
koi sehat se koi akal se koi shaq se
to koi andh bhakti me koi lalach se
Koi adat se, koi choti sonch se
to koi hasad se koi gumrahi se
koi ghamand aur takabbur se yani aksar log istrah ki kisi na kisi bimari me mubtala hain. lekin log ilaj aur ehteyat sirf aur sirf sehat ki bimari se karte hain.-
ज़िंदगी में आगे जाने के लिए पीछे होना भी ज़रूरी होता है
क्योंकि जब तक दर्द ना दिखे तब तक कोई भीख भी नहीं देता
फिर रब तुझे सब नवाज़ देगा तेरी ख्वाहिश के मुताबिक़
तूने भला एैसा कैसे सोंचा-
किस्से मेरे तशहीर के जो आम है जहां में
ना जाने कितनी अफवाह है मेरे नाम से फिज़ा में
शायद ये ज़र्फ़ है जो खामोश हूं अब तक
वरना तो तेरे एैब भी मालूम हैं सारे
सब जुर्म मेरी ज़ात से ही मंसूब है अहमद
क्या मेरे सिवा इस जहां में मासूम हैं सारे
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मिलता नहीं सुकून अमल ए हराम में अहमद
खुदा को राज़ी करने की जगह बाग़ी हो रहा
फनाह करके खुद को किस तरह इत्मीनान है तु
मां बाप परेशान तेरे लिए,
क्या इस बात से बिल्कुल अनजान है तू
रब को राज़ी कर उसी में फलाह है तेरी
आज़माईश ईलाही की नज़रे करम की दलील है
जो तू ना समझे तो फिर तु ज़लील है
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मसला ये नहीं के रब इतना क्यों रूला रहा मुझे
मसला ये है मेरे गुनाह बहुत हैं
अब जख्मों को आज़माइश समझूं या अज़ाब...!!
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अहमद भूल गया खुदा को तकलीफ़ में...
पर ये नहीं भूला खुदा की सिफत में नहीं है भूलना
खुदा देख रहा है तेरी कैफियत को अहमद
बस पांव जमा ले रज़ा ए इलाही में
खुदा तुझे भी नवाज़ेगा थोड़ा आज़माने के बाद-
ना जाने कितने लोग जहन्नुम वासिल होंगे
सिर्फ एक कौल की वजह से अहमद
बाप दादा से चला आ रहा है चलने दो-
खुद ना हंस सके तो क्या हुआ किसी और को हंसाने की वजह बन गए अहमद
खुद ना हंस सके तो किसी और को हंसाने की वजह बन गए अहमद
दर्द को सीने से लगा कर किसी के मुस्कुराहट की वजह बनना इसकी खुशी कम तो नहीं अहमद
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